आजम खान को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका, पत्नी और बेटे के साथ उनकी जमानत याचिका खारिज

उत्तर प्रदेश में रामपुर से सपा सांसद आजम खान व और उनके बेटे अब्दुल्ला को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका दिया है। पत्नी तंजीन फातिमा व बेटे के साथ आजम खान ने खुद की जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। लेकिन जस्टिस सुनीत कुमार की एकल पीठ ने जमानत याचिका खारिज कर दी। पीठ ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 19 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा। यह मामला अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने से जुड़ा है।

कोर्ट ने कहा- साक्ष्यों को प्रभावित करने से इंकार नहीं किया जा सकता

जस्टिस सुनीत ने कहा कि याचीगण प्रभावशाली व्यक्ति हैं। प्रदेश के तमाम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में उनके द्वारा साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। आजम खां के वकील गोपाल चतुर्वेदी और सफदर काजमी ने बहस की। कहा गया कि अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं बनता है। जिस प्रकार के आरोप हैं, वह दस्तावेजों पर आधारित है। जिसकी गहराई से समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।

जबकि प्रदेश सरकार की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया। कोर्ट ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को जमानत का आधार नहीं पाते हुए अर्जी खारिज कर दी। ट्रायल कोर्ट को मुकदमे का विचारण शीघ्रता से करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सांसद आजम खान को छूट दी है कि वह चाहें तो गवाहों का साक्ष्य हो जाने के बाद विचारण न्यायालय में जमानत की अर्जी पेश कर सकते हैं।

27 फरवरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल

सपा सांसद आजम खां, उनकी पत्नी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला आजम पर फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप है। बीते 27 फरवरी को तीनों नेताओं को रामपुर कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया था। तब से आजम, पत्नी और बेटे के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं।

सांसद आजम खान, पूर्ववर्ती सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी तंजीन फातिमा रामपुर सीट से सपा विधायक हैं। जबकि बेटा अब्दुल्ला आजम खान स्वार सीट से विधायक था। जाली दस्तावेजों के सहारे दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के आरोप में ही उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके खिलाफ अब्दुल्ला सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं। मामला लंबित है। इसीलिए हाल ही में UP में संपन्न हुए विधानसभा उप चुनाव में स्वार सीट पर चुनाव नहीं हुए।

भाजपा नेता का दावा- धोखाधड़ी कर बनवाए गए थे दस्तावेज

भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र बने हैं। एक जन्म प्रमाण पत्र आजम व उनकी पत्नी तंजीन के शपथपत्र के बाद 28 जून 2012 को नगर पालिका परिषद रामपुर से जारी किया गया। इसमें जन्मस्थान रामपुर दिखाया गया है। वहीं, दूसरा जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ के क्वीन मेरी अस्पताल के जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर नगर निगम लखनऊ द्वारा 21 जनवरी 2015 को जारी किया गया।

लखनऊ में बना जन्म प्रमाणपत्र भी आजम के शपथपत्र के बाद जारी हुआ था। ये जन्म प्रमाण पत्र डुप्लीकेट के तौर पर जारी हुआ था। आरोप है- रामपुर से बने जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर अब्दुल्ला का पासपोर्ट बना, जिस पर उन्होंने विदेश की यात्राएं की। वहीं, लखनऊ से बने जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर जौहर यूनिवर्सिटी की तमाम मान्यताएं व फायदे लिए गए। आरोप है- सोची समझी गई साजिश के तहत दो जन्म प्रमाणपत्र धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बनवाए गए।

आजम के करीबी के खिलाफ उत्पीड़न कार्रवाई पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खां के करीबी और माै‌लाना जौहर अली ट्रस्ट के सदस्य सलीम कासिम को राहत देते हुए उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। याची के खिलाफ स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए रामपुर में राज्य सरकार बनाम तंजीम फातिमा आदि विचाराधीन है। सलीम कासिम ने मुकदमे की कार्रवाई को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस पर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार सुनवाई कर रहे हैं। याची का कहना है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में उसका नाम नहीं है। उसका नाम बाद में जोड़ा गया है। किसी अपराध में कोई भूमिका नहीं है। वह मात्र सदस्य है।

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