

बिहार में पंचायत चुनाव साल 2021 (मुख्यतः ग्राम पंचायत) के अप्रैल (Bihar Panchayat Election 2021 Date) में होना है. अभी तक बिहार में यह चुनाव बैलट पेपर से होता रहा है. साथ ही यह पार्टी के आधार पर नहीं लड़ा जाता है. लेकिन इसबार की परिस्थिति बदली नजर आ रही है. जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार इस बार पंचायत चुनाव में व्यापक बदलाव करने की सोच रही है.
ईवीएम से होगा मतदान
विपक्षी दल कई बार इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विश्वसनीयता पर सवाल उठा चुके है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बैलट पेपर पर सवाल उठाए गए.
अब बिहार सरकार बिहार पंचायत चुनाव 2021 ईवीएम से करवाने की तैयारी में है. बिहार में त्रिस्तरीय स्थानीय निकायों में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के पदों का संख्या 2.58 है. यदि इनका चुनाव ईवीएम से होता है तो करीब 392 करोड़ रूपये खर्च होंगे, जो कि पंचायत चुनाव 2016 से करीब 2 गुना है.
पंचायत चुनाव 2016 में 250 करोड़ रूपये बिहार सरकार को खर्च करना पड़ा था.
कब तक होगा बिहार में पंचायत चुनाव 2021
बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर चुनाव की संभावित तारीखों को लेकर सुझाव मांगा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने दो सप्ताह के अंदर सभी जरूरी जानकारियां देने की हिदायत दी है. उसके बाद पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान की संभावना है.
स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) इस बार अप्रैल से मई के बीच पीआरआई का चुनाव करवाने की तैयारी में है. 2016 में भी यह इन्ही महीनों में सम्पन्न हुई थी, जो जून तक चली थी.
एसईसी ने भेजा प्रस्ताव
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने हाल ही में पंचायती राज विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है. इसमें तर्क दिया गया है कि ईवीएम से मतदान करवाने पर अधिक पारदर्शिता आएगी.
पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस बात की पुष्टि की है. अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा जा रहा है. हालाँकि बिहार चुनाव के बाद प्रत्येक मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक स्थगित है. इस वजह से निर्णय नहीं हो पा रहा है.
केरल, राजधान और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम का प्रयोग होता है. इसे अब बिहार में लागू करने की तैयारी हो रही है.
बिहार सरकार के अधिकारी के अनुसार, ईवीएम से मतदान का अनुमति मिलने पर, इस मशीन के आपूर्ति के लिए आर्डर दिया जाएगा. बता दे कि भारत में ईवीएम मशीन का निर्माण बंगलौर स्थित इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) में होता है.
बिहार में इस तरह होगा पंचायत चुनाव
बिहार में त्रि-स्तरीय ग्रामीण स्थानीय निकायों में छह पदों के लिए चुनाव होते हैं. इसमें वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, पंच और सरपंच शामिल हैं. नगर निकायों के लिए सिर्फ वार्ड कमिश्नर का चयन होता है, जो बाद में अपने बीच से किसी को चैयरमेन, डिप्टी चेयरमैन व नेता प्रतिपक्ष का चयन करते है.
ग्रामीण पंचायत चुनाव में मतदाताओं को वोटिंग के दौरान मतपत्रों के छह सेट मिलते हैं. अब अगर ईवीएम का उपयोग किया जाएगा तो वोटर्स को छह पदों पर प्रत्याशी के चयन के लिए ईवीएम पर छह बटन दबाने होंगे.
प्रदेश में कुल 8,387 ग्राम पंचायतें (त्रिस्तरीय स्थानीय निकायों का सबसे निचला स्तर), 534 पंचायत समितियाँ और 38 जिला परिषद हैं. राज्य में पंचायती राज संस्थाओं (PRI) में कुल 2.58 लाख पद हैं और ग्राम पंचायतों में कम से कम 1.15 लाख वार्ड सदस्य हैं.
कितने चरणों में होगी बिहार पंचायत चुनाव 2021
पंचायत चुनाव को लेकर रविवार को जारी विज्ञप्ति में राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार के सभी 38 जिलों के जिलाधिकारी को जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) एवं जिला पंचायतीराज पदाधिकारी को जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी नामित किया है.
बिहार पंचायतीराज अधिनियम, 2006 एवं बिहार पंचायत निर्वाचन नियमावली, 2006 के तहत आयोग ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है. एक अन्य निर्देश में आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने कहा कि सभी जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) को वर्ष 2021 में मार्च-मई के बीच त्रिस्तरीय पंचायतों एवं ग्राम कचहरियों का आम चुनाव कराए जाने की संभावना है.
पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या विधानसभा चुनाव के मतदान केंद्रों की तुलना में अधिक हो जाती है, जिससे मतदानकर्मियों एवं सुरक्षा बलों की आवश्यकता भी बढ़ जाती है.
आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव केंद्रीय अर्द्वसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति को लेकर सरकार को पत्र लिखा जा रहा है. इसकी स्वीकृति प्राप्त होने के बाद सभी जिलों को इसकी सूचना दी जाएगी.
इसबार कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की चुनौती भी है. इसे देखते हुए मतदान बड़े हॉल में सप्पन्न करवाए जाने की संभावना है.
आयोग बिहार में 9 चरणों में पंचायत चुनाव 2021 सम्प्पन करवाने की तैयारी में है. आयोग ने इसके लिए चरणवार प्रखंडों का विवरण अधिकतम दो सप्ताह में मांगा है. ताकि चुनाव कराये जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के विचार के लिए भेजा जाएगा.
साथ ही अनुमंडल मुख्यालय में बज्रगृह के लिए भवन चिन्हित कर इसकी सुरक्षा अर्द्वसैनिक बल/ जिला बल द्वारा की जानी है.
आयोग के सचिव ने निर्देश दिया कि सभी डीएम अपने जिला के वरीय पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ विमर्श करने के बाद उनके जिले में कितने चरण में पंचायत चुनाव हो, इसका प्रस्ताव बनाकर भेजें.
प्रत्याशियों का विवरण ऑनलाइन होगा उपलब्ध
एसईसी इस बार प्रत्याशियों का विवरण ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की भी सोच रहा है. अभी तक बिहार में ऐसा विधानसभा व लोकसभा चुनाव के लिए किया जाता रहा है.
2021 के पंचायत चुनाव में राज्य चुनाव आयोग उम्मीदवारों की सभी जानकारी ऑनलाइन मुहैया करवाने की तैयारी में है. यदि ऐसा हुआ तो सभी कैंडिडेट के संपत्ति, अपराध, व्यक्तिगत प्रोफाइल व अन्य जानकारियां सहज रूप से जनता के बीच उपलब्ध रहेगी.
दलगत आधार पर होंगे पंचायत चुनाव
इस बार पंचायत चुनाव दलीय आधार पर करवाने की तैयारी भी हो रही है. यानी आरजेडी, बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, वामदल जैसे पार्टियां अब अपने सिम्बल पर प्रत्याशी पंचायत चुनाव के लिए उतरेंगे.
एमपी और राजस्थान पंचायत चुनाव इसी तरह संपन्न हुए है. बिहार में भी इसबार इसे लागू किए जाने की सम्भाना है. इसकी तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग शुरू कर चुका है और पंचायती राज विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है.
लेकिन इस पर अंतिम निर्णय सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में ही लिया जा सकता है, जिसकी बैठके फिलहाल स्थगित है. ऐसा दावा सरकारी सूत्र भी कर चुके है. वहीं, विपक्ष ने अभी तक इसपर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की है.














