अवैध शराब की बिक्री की दशा में न होने पाये : डीएम


– कई विभागों की वसूली की खराब प्रगति पर डीएम ने जताई कड़ी नाराजगी

मैनपुरी – वाणिज्य कर, परिवहन, आबकारी विभाग में प्रवर्तन कार्य को प्रभावी बनाया जाए, शहर के साथ-साथ कस्बों में भी चेकिंग की जाए, 40 लाख रू. का टर्नओवर वाले व्यापारियों, 20 लाख रू. सलाना टर्नओवर कर रही सेवा प्रदाता कंपनियों का प्रत्येक दशा में पंजीकरण किया जाये, इस कार्य में उप जिलाधिकारियों का भी सहयोग लिया जाए, यदि उक्त सीमा के टर्नओवर वाला कोई व्यापारी, सेवा प्रदाता कंपनी बिना पंजीकरण के पायी गयी तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही होगी। सभी विभाग अपने विभागीय राजस्व वसूली के लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करें, अमीनों से निर्धारित मानक के अनुसार वसूली करायी जाए, अवैध शराब की बिक्री की दशा में न हो, शराब के लिए बदनाम काली नदी क्षेत्र में नियमित चेकिंग करायी जाए, वाहनों में ओवर लोडिंग न हो, कोई भी वाहन बिना पंजीकरण, औपचारिकताएं पूर्ण किये बिना संचालित न हो।


    उक्त निर्देश जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने कर-करेत्तर, राजस्व कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन की वसूली की प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर सब रजिस्टार को आदेशित करते हुए कहा कि विशेष प्रयास कर वसूली की प्रगति सुधारें, किसी भी आम व्यक्ति को बैनामा कराने में कोई असुविधा न हो, किसी के द्वारा अनाधिकृत धनराशि की मांग न की जाए, आबादी वाली भूमि का बैनामा करते समय गाटा संख्या अवश्य लिखा जाए, सुनिश्चित किया जाए कि 200 मीटर की त्रिज्या में आबादी होने पर कृषि भूमि के रूप में बैनामा न किया जाये, आबादी के  समीप भूखंड की बिक्री पर कमर्शियल दर से स्टाम्प लगवाया जाए, बैनामे के समय के्रता-विक्रेता से कृषि-गैर कृषि भूमि की जानकारी ली जाए ताकि स्टाम्प चोरी को रोका जा सके।


    डीएम ने मुख्य देयों की वसूली की समीक्षा के दौरान तहसील करहल, भोगांव, किशनी में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कोई वसूली न करने, कुरावली में मात्र 2 प्रतिशत वसूली होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित तहसीलदारों को अभियान चलाकर मुख्य देयों की वसूली करने के आदेश दिए, तहसील सदर में मुख्य देय में 11 प्रतिशत की वसूली होनेे पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने उप जिलाधिकारियों से कहा कि वह स्वयं वसूली की समीक्षा करें, विभिन्न विभागों की लंबित आरसी की वसूली प्राथमिकता पर कराई जाए, बड़े बकायेदारों से अभियान चलाकर वसूली की जाए। उन्होंने परिवहन, वन विभाग की वसूली की खराब प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा के दौरान पाया कि गत वर्ष माह नवंबर तक 2608 लाख की वसूली की गई थी जबकि इस वर्ष माह नवंबर तक मात्र 2175 लाख की वसूली की गई है, इस पर उन्होंने तीनों सर्किल को कारण बताओ नोटिस जारी जारी किए जाने के निर्देश देते हुए विशेष प्रयास कर वसूली की प्रगति सुधारने को कहा।


   जिलाधिकारी ने नगर निकायों द्वारा जलकर, ग्रहकर सहित अन्य करों की वसूली की प्रगति बेहद खराब पाये जाने पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका का तत्काल प्रभाव से वेतन रोके जाने के निर्देश देते हुए समस्त अधिशासी अधिकारियों से कहा कि जलकर, गृहकर के बड़े बकायेदारों के तत्काल नोटिस जारी किए जाएं और 7 दिन का समय देकर धनराशि जमा कराई जाए यदि निर्धारित अवधि में बकायादार द्वारा जलकर, ग्रहकर की धनराशि जमा न की जाए तो उनकी आरसी जारी की जाए। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि गत माह सभी अधिशाषी अधिकारियों को दुकानों, वाणिज्य प्रतिष्ठानों, होटलांे, मैरिज होम जिनसे कर की वसूली की जाती है, उनसे बकाया धनराशि वसूलने के निर्देश दिये गये थे, परन्तु इस पर अभी किसी के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
           बैठक में पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी बी.राम, उपजिलाधिकारी सदर, करहल, भोगांव, घिरोर, कुरावली, किशनी, ऋषि राज, रतन वर्मा, सुधीर कुमार, अनिल कटियार, मानसिंह पुण्डीर, राम सकल मौर्य, समस्त तहसीलदार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सनिल द्विवेदी, कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभाग प्रभारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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