
शहजाद अंसारी
बिजनौर। सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में मिक्सोपैथी के प्रयोग को बढ़ावा देने के विरोध में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन किया।
शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में चिकित्सकों ने कहा है कि भारतवर्ष में 95 प्रतिशत मरीज आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा इलाज कराते हैं। सघन चिकित्सा सुविधा एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा संपादित होती है। सभी चिकित्सा पद्धतियों का अपना अपना महत्व होता है। सभी चिकित्सा पद्धतियों को स्वतंत्र रूप से पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से विकसित करना चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मिक्सोपेथी के सख्त खिलाफ है।
मिक्सोपेथी के कारण हमारे देश में चिकित्सकों की गुणवत्ता काफी कम हो जाएगी तथा चिकित्सा स्तर में काफी गिरावट आएगी। आज भारतवर्ष में चिकित्सकों की गुणवत्ता के कारण देश-विदेश में काफी संख्या में मरीज इलाज कराते हैं। भारतीय चिकित्सकों की विदेशों में एक अच्छी छवि है। गुणवत्ता कम होने से विदेशों में चिकित्सकों की मांग कम हो जाएगी तथा विदेशों से मरीज इलाज कराने भारत नहीं आएंगे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सरकार से यह मांग करता है कि किसी भी स्थिति में मिक्सोपैथी को लागू ना किया जाए एवं हर विधा को स्वतंत्र रूप से वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए। इस मिक्सोपैथी की नीति के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी चिकित्सक आज पूर्ण रूप से असहयोग आंदोलन करेंगे तथा इसेनशियल एवं कोविड-19 सेवाओं को छोडकर सभी सेवाएं बंद रखेंगे। कार्य बहिष्कार शनिवार की सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान डॉ. सुभाष राणा, डॉ. राहुल देशवाल, डॉ. राजेंद्र सिंह, डॉ. अनिल अग्रवाल, डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. बागेश, डॉ. राजेंद्र सिंह, डॉ. प्रकाश, डॉ. त्यागी, डॉ. आरके सिंह, डॉ. नगराज, डॉ. पंकज त्यागी आदि मौजूद रहे।










