गोरखपुर, )। प्रदेश सरकार ने बिजली चोरी रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। कटिया लगाकर मुफ्त में बिजली उपभोग करने वालों की मंशा पर अब जल्दी ही फिरने वाला है। अगर सबकुछ ठीक और समयबद्ध तरीके से चलता रहा तो अगले वर्ष में मनमर्जी तरीके से कटिया फंसाकर बिजली जलाने वालों की मंशा पर पानी फिर जाएगा।
जानकारी के मुताबिक अधिकांश लोग कटिया लगाकर बिजली का उपभोग करते हैं। ऐसे लोगों से परेशान विभागीय अधिकारी हमेशा सरकार को रिपोर्ट भेजते रहे हैं। सरकार ने अब इसका तोड़ निकाल लिया है। सबकुछ ठीक रहा तो जिले के एक हजार से अधिक आबादी वाले 982 गांवों में बिजली के तार-पोल हटाकर एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) बिछाने का काम शुरू होगा। सर्वे शुरू है।
बता दें कि लाइनलास कम करने के लिए बिजली निगम लगातार प्रयास कर रहा है। गांवों में बिजली चोरी के मामले ज्यादा मिलने के बाद एबीसी बिछाने का निर्णय लिया गया है।
सर्वे में यह बात आई सामने
बिजली के तार में कटिया लगाना आसान होता है। कई लोग घरों के सामने से गुजर रहे तार में रात में कटिया लगा लेते हैं। सुबह होते ही कटिया हटा देते हैं। कई ऐसे हैं जो कटिया लगाकर दिन-रात बिजली का उपभोग करते हैं। ऐसे लोग बिजली निगम की ओर से जांच की सूचना मिलते ही कटिया हटा देते हैं। इस कारण अफसर कोई कार्रवाई नहीं कर पाते हैं।
क्या है एटीएंडसी लास
एटीएंडसी (एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शीयल लॉस) को ऐसे समझें। ट्रांसफार्मर से तार के माध्यम से घरों में बिजली की आपूॢत होती है। जर्जर तार, लंबी लाइन के कारण बिजली निगम 15 फीसद को स्वीकार करता है। इससे अधिक लाइनलास है तो माना जाता है कि बिजली चोरी हो रही है या बिल का भुगतान नहीं हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में यह है लाइनलॉस
उपकेंद्र फीडर लाइनलॉस
मेडिकल कॉलेज- सेमरा अर्बन – 76
पीपीगंज – टाउन फीडर – 76
चौरीचौरा – नार्थ फीडर – 75
चौरीचौरा – टाउन – 74
एफसीआइ – सिकटौरा – 73
भटहट – बैलो फीडर – 72
विकास नगर – मानीराम – 77
सोनौरा – बलुवा – 77
सोनौरा – वर्ल्ड बैंक – 69
जगदीशपुर – फैक्ट्री 76
मझगांवा – हाटा – 89
हरिहरपुर – महदेवा – 89
धुरियापार – उरुवा रूरल प्रथम – 89
सहजनवां – खजनी – 89
रानीपुर – सिकरीगंज – 89
कौड़ीराम – बेदौली – 88
कल्याणपुर मठिया – मधूपुर – 88
गंगटही – सतुआभार 88
गोला – मदरिया – 88
कौड़ीराम – पकड़ी – 88
(नोट- आंकड़े प्रतिशत में हैं)
अधीक्षण अभियंता ग्रामीण ने कहा
इस संबंध में ग्रामीण क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता आईडी त्रिपाठी का कहना है कि एक हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों का सर्वे शुरू हो गया है। अगले साल जनवरी से काम शुरू होने की उम्मीद है।