Solar Eclipse 2020: आज लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, दुनिया के अलग-अलग देशों में कैसी है मान्यता जानें

सूर्यग्रहण को लेकर हमारे देश में कई तरह की मान्‍यताएं प्रचलित हैं। कोई इसे राहु और केतु की करतूत मानते हैं तो कुछ लोग इसे विज्ञान से जुड़ी घटना मानते हैं। सूर्य ग्रहण को लेकर अलग-अलग प्रकार की भ्रांतियां हमारे देश में ही प्रचलित नहीं हैं बल्कि विदेश में भी सूर्यग्रहण को लेकर कई प्रकार की मान्‍यताएं हैं। आज हम आपको इस बारे में बताएंगे कि सूर्य ग्रहण को लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों में क्‍या मान्‍यताएं हैं…

हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, एक बिना सिर वाला राक्षस राहु सूर्य और चंद्रमा को निगल लेता है और इसी वजह से ग्रहण लगता है। लेकिन वह बहुत देर तक सूर्य और चंद्रमा को अपने मुंह में नहीं रख पाता। न ही इस राक्षस के हाथ पैर होते हैं जो सूर्य और चंद्रमा को पकड़ सकें। यही वजह है कि सूर्य ग्रहण बहुत देर तक नहीं रह पाता है और थोड़ी देर में ही सूर्य वापस अपनी स्थिति में आ जाता है।

वियतनाम में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण को लेकर ऐसा माना जाता है कि जब एक विशाल आकार का मेंढक सूर्य को निगल लेता है तो सूर्य ग्रहण लग जाता है। यहां के भगवान हान इस मेंढक के स्‍वामी माने जाते हैं और जब यह मेंढक को थूकने को बोलते हैं तो वह सूर्य को अपने मुंह से बाहर निकालता है। इसी प्रकार से चंद्रग्रहण भी लगता है।

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