जयपुर में छेड़छाड़ का विरोध करने वाले पत्रकार ने तोड़ा दम, BJP ने उठाए गहलोत सरकार पर सवाल

राजस्थान के जयपुर में 8 दिसंबर को हुए एक हमले में गंभीर रूप से घायल वीडियो पत्रकार अभिषेक सोनी की बुधवार (दिसंबर 23, 2020) देर रात ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई। 8 दिसंबर को अपनी साथी महिला पत्रकार के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर बदमाशों ने उन्हें लोहे की छड़ से बुरी तरह पीटा था। 

इस घटना की वीडियो भी सामने आई थी। वीडियो में सारे बदमाश सरिया से अभिषेक को बुरी तरह मारने के बाद फरार होते नजर आ रहे थे। पुलिस ने इस संबंध में खुलासा किया था कि बदमाशों ने पहले महिला को प्रताड़ित करना शुरू किया था और फिर सोनी के विरोध करने पर उन्हें छड़ी और सरिए से मारने लगे।

जानकारी के मुताबिक पूरी घटना में अभिषेक को काफी गंभीर चोटे आई थीं। उन्हें एसआरएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहाँ ट्रॉमा सेंटर में बुधवार को उन्होंने दम तोड़ा। पुलिस के मुताबिक अब इस केस में आरोपितों के ख़िलाफ़ धारा 323, 341, 354ए और 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों आरोपितों की पहचान हो गई है। इनमें से पुलिस ने एक को गिरफ्तार भी किया है। बाकी दो अब भी फरार हैं।

पुलिस टीम बनाकर बाकी आरोपितों की तलाश कर रही है। आरोपितों के नाम शंकर चौधरी, कनाराम जट्ट और सुरेंद्र जट्ट बताए जा रहे हैं। वहीं अभिषेक के परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले में अच्छी तरह से जाँच नहीं कर रही। उनकी माँग है कि इस केस में अलग से एफआईआर हो। जबकि राजस्थान पुलिस ने महिला पत्रकार की शिकायत में ही उनकी शिकायत जोड़ने का फैसला किया है

वीडियो पत्रकार की मृत्यु के बाद भाजपा ने भी गहलोत सरकार पर सवाल उठाए हैं। भाजपा नेता सतीश पूनिया ने घटना के संबंध में लिखा, “राज्य में अशोक गहलोत के राज में 2 वर्षों में प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, लोकतंत्र के प्रहरी और कोरोना योद्धा पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है, जयपुर में बदमाशों के हमले में अभिषेक सोनी की मृत्यु और गिरधारी पालीवाल का घायल होना सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।”

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