एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की पूर्व सहकर्मी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस के सिपाही को कुचलने के प्रयास और सेल्फ डिफेंस में गोली चलाने की थ्योरी की धज्जियां उड़ा दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक विवेक को लगी गोली ऊपर से नीचे की तरफ चलाई गई थी। पूर्व सहकर्मी का कहना है कि आरोपी सिपाही ने एक से डेढ़ फुट ऊंचे डिवाइडर पर खड़े होकर गोली मारी थी। इससे साफ है कि सिपाही सुरक्षित स्थान पर था और उसने हत्या के इरादे से ही फायर किया था।
झूठ :
अफसर कह रहे थे विवेक ने कुचलने की कोशिश की तो सिपाही ने किया फायर। पूर्व सहकर्मी के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस के अधिकारियों का सफेद झूठ सामने आ गया है। अब तक सिपाही को बचाने में जुटे लखनऊ और प्रदेश पुलिस के आला अधिकारी कह रहे थे कि विवेक ने कार से सिपाही को कुचलने का प्रयास किया, जिस पर उसने आत्मरक्षा में फायर कर दिया और गोली विवेक के चेहरे पर लगी जिससे उसकी मौत हो गई।
हकीकत : सिपाही डिवाइडर पर था इसलिए उसे कोई खतरा नहीं था। सोमवार को चुप्पी तोड़ने वाली विवेक की पूर्व सहकर्मी ने साफ कहा कि जिस सिपाही ने विवेक की कार पर फायर किया था, वह डिवाइडर पर खड़ा था। गोमतीनगर विस्तार में जो डिवाइडर बने हैं, उनकी ऊंचाई करीब एक से डेढ़ फीट के आसपास है। डिवाइडर पर खड़े होने से सिपाही कार की ऊंचाई से अधिक ऊंचाई पर था। उसने सामने से आती हुई कार पर गोली चलाई जबकि उसकी जान को कोई खतरा नहीं था। इससे साफ है कि सिपाही ने विवेक की हत्या के इरादे से ही फायर किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है
विवेक पर ऊपर से नीचे की दिशा में गोली चलाई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पूर्व सहकर्मी के बयान को पुष्ट कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विवेक पर चली गोली ऊपर से नीचे की दिशा में है। यानी फायर करने वाला व्यक्ति ऊंचाई पर खड़ा था। उसने सीधे निशाना नहीं साधा बल्कि फायर करते वक्त उसका हाथ नीचे की ओर झुका हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली विवेक की ठोड़ी पर लगी और नीचे की तरफ जाकर गर्दन में फंस गई।