दिन में पहले करते थे रेकी और रात में अंजाम देते थे चोरी-डकैती, सात सदस्यों को पुलिस ने दबोचा

डकैती गिरोह के सात सदस्यों को पुलिस ने दबोचा
असलहा के साथ ही चोरी का सामान और नकदी बरामद

गाजीपुर जनपद के करंडा थाना पुलिस को गुरुवार की भोर में बड़ी सफलता मिली। उसने स्वाट टीम के साथ डकैती गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया। उनके पास से असलहा सहित डकैती में प्रयोग होने वाले अन्य हथियारों के साथ चोरी का सामान और नकदी भी बरामद किया। पुलिस आफिस में आयोजित प्रेसवार्ता में अभियुक्तों को मीडिया से मुखातिब कराते हुए पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि फंदे में आए डकैत काफी शातिर किस्म के है। यह दिन में पहले रेकी करते थे और रात में चोरी/डकैती की घटनाओं को अंजाम देते थे।एसपी ने बताया कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था के मद्देनजर करंडा थाना प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार पांडेय पुलिस कर्मियों के साथ भ्रमणशील थे।

इसी दौरान भोर में करीब साढ़े चार बजे स्वाट टीम प्रभारी निरीक्षक विनीत राय टीम के साथ वहां पहुंच गए। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि बरिया मोड़ के पास स्थित बंद ईंट भट्ठा के अंदर एक सफेद रंग की बोलेरो खड़ी है, जिसमें कुछ संदिग्ध व्यक्ति मौजूद है। देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अपराधी प्रवृत्ति के है। इस सूचना पर पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हो गई। ईंट भट्ठा को चारों तरफ से घेरकर वाहन में सवार छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर थाना लाई। उनके पास से 315 बोर का दो तमंचा, 5 कारतूस, 2 लोहे का रम्मा, 2 हथौड़ी, 2 पेचकस, 1 सिकड़ी पिली धातु तथा 85000 रुपया नकदी और चोरी की घटना में प्रयुक्त 1 बोलेरो वाहन बरामद किया। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग गांव-देहात तथा छोटे चट्टियों पर दुकानों, घरों की दिन में बोलेरो से रेकी कर लेते थे। जिस दुकान या घर की रेकी करते है, उसमें रात में मौका देखकर चोरी/ डकैती करते थे।

आज भी हम लोग इसी उद्देश्य से इकट्ठा हुए थे और चोचकपुर बाजार में स्थित सोना-चांदी की दुकानों में चोरी/डकैती करने की योजना बना रहे थे। अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग अपने लोकल क्षेत्र में चोरी नहीं करते थे, बल्कि बोलेरो से जाकर दूसरे क्षेत्रों में चोरी/डकैती करते थे, जिससे किसी को शक न हो। चोरी/ डकैती से प्राप्त सोने-चांदी को एक परचित सोनार के पास बेच देते थे। बताया कि 17 नवंबर की रात धरम्मरपुर गांव में एक मकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था तथा उसमें से चुराए गए गहनों को सोनार के यहां 1,80000 रुपए में बेच दिया गया था। इसके अतिरिक्त दिनांक 23 नवंबर को ग्राम मैनपुर में सोनार की दुकान से सोना-चांदी के जेवरात चुराया गया था, जिसे 9,0000 रुपए में बेच दिया गया था। दिनांक 28 जुलाई को थाना सादात के ग्राम ससना के एक घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था, यहां से चुराए हुए गहनो को 30000 रुपए में बेच दिया गया था। दिनांक 14 नवंबर को सादात बाजार से जनरल स्टोर में चोरी किया गया था, चोरी के सामान को 8,000 रुपए में बेच दिया गया था। 18 नवंबर थाना नंदगंज क्षेत्र के ग्राम बड़हरा में चोरी की गई थी, चोरी के गहनों को 1,20000 रुपए में बेच दिया गया था। अभियुक्तों की निशानदेही पर सदर कोतवाली क्षेत्र में अभियुक्तों द्वारा लिए गए किराये के मकान से अभियुक्तों के परिचित सोनार सुनील वर्मा को गिरफ्तार किया गया।

मकान से नगदी बरामद किया गया। अभियुक्तों के पास से कुल 85,000 रुपया चोरी का व जमा तलाशी से 6400 रुपया बरामद किया गया। एसपी ने बताया कि गिरफ्त में आए अभियुक्तों में करीमुद्दीनपुर थान के पातेपुर निवासी सुनील बनवासी, यही के सुग्रीव कुशवाहा, इसी थाना क्षेत्र के दक्षिण टोला निवासी सुनील कुमार, नोनहरा थाना के नसीरपुर निवासी छोटेलाल उर्फ छोटू बनवासी, कासिमाबाद थाना क्षेत्र के हल्लीपुर निवासी मुन्ना गिरी, सदर कोतवाली के चीतनाथ निवासी सुनील वर्मा, बलिया जिले के फेफना थाना के एकवारी निवासी नितेश गिरी शामिल है। सभी का संबंधित धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया गया। गिफ्तार करने वाली टीम में करंडा थाना प्रभारी निरीक्षक और स्वाट टीम प्रभारी निरीक्षक के साथ उपनिरीक्षक रामाश्रय राय, हेड कांस्टेबल रामभवन यादव, रामप्रताप सिंह, भाईलाल, कां. विनय यादव, विकास श्रीवास्तव, आशुतोष सिंह, संजय और कांस्टेबल संजय पाल, रमन कश्यप, रोहित यादव, नागेन्द्र कुमार शामिल थे। पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम की पीठ थपथपाते हुए हौसला अफजाई के लिए दस हजार का पुरस्कार प्रदान किया।

खबरें और भी हैं...