
प्रवीण पाण्डेय
मैनपुरी। आज त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि में महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। जो कि इस बार कई मायने में खास है। शिव और शक्ति के मिलन के पर्व पर कई खास योग बन रहे हैं। आचार्य मनोज पाण्डेय ने बताया कि शिवयोग, सिद्धियोग में पड़ रही शिवरात्रि पर घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग होगा। जिससे पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। मान्यता है कि पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस पावन अवसर पर रुद्राभिषेक का भी खास महत्व माना गया है।
महा शिवरात्रि का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, यह दिन भगवान शिव और देवी शक्ति के मिलन का दिन होता है। यह त्यौहार हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। यही कारण है कि हिंदू धर्म में रात के विवाह मुहूर्त बेहद उत्तम माने जाते हैं। इस दिन भक्त जो मांगते उन्हें शिवजी जरुर देते हैं।
इस शिवरात्री पर बन रहा है अद्भुत संयोग
महाशिवरात्रि पर शनि राशि मकर में और शुक्र राशि मीन में हैं। दोनों ही अपने ही ग्रह में मौजूद हैं और उच्च अवस्था में है। यह दुर्लभ योग इससे पहले 1903 में आया था। इसके बाद ऐसा योग अब 2021 में बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होगा और जातक यदि अपनी अपनी राशि अनुसार भगवान की आराधना करेंगे तो इससे उनकी कई मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
इस बार महाशिवरात्रि पर दो महान शुभ योग भी बन रहे हंै। सुबह 09 बजकर 25 मिनट तक महान कल्याणकारी (शिव योग) रहेगा। उसके बाद सभी कार्यो में सिद्धि दिलाने वाला ‘सिद्धयोग’ शुरू हो जाएगा।
शिवलिंग पर ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र
भगवान शिव को हमेशा उल्टा बेलपत्र यानी चिकनी सतह की तरफ वाला वाला भाग स्पर्श कराते हुए ही बेलपत्र चढ़ाएं। बेलपत्र को हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं। शिव जी को बिल्वपत्र अर्पण करने के साथ-साथ जल की धारा जरूर चढ़ाएं।
ओम नमः शिवाय का करें जाप
ओम नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ओम नमः शिवाय। मंत्र का जप करते रहें, साथ ही ओम नमो भगवते रुद्राय का जप भी कर सकते हैं। इन मंत्रों को जपते हुए बेलपत्र पर चन्दन या अष्टगंध से राम – राम लिख कर शिव पर चढ़ाएं।
स्वास्थ्य लाभ के लिए करें कुशा के जल से भगवान का अभिषेक
आचार्य मनोज पाण्डेय ने कहा कि स्वास्थ्य लाभ के लिए शिवरात्रि के दिन कुशा के जल से, नौकरी या व्यापार में उन्नति एवं धनलाभ के लिए गन्ने के रस से और संतान सुख, पुत्र प्राप्ति के लिए गाय के दूध से भगवान शिव का अभिषेक करने से निश्चित ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।















