
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार परिवार’भारत-तिब्बत समन्वय संघ’ के अवध प्रांत की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के डीपीए सभागार में हुआ।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता, चीन एवं अंतर्राष्ट्रीय विषयों के विशेषज्ञ मेजर(अ प्रा) जनरल अजय कुमार चतुर्वेदी जी ने अपने वक्तव्य में तिब्बत के इतिहास, चीन की तिब्बत के प्रति मानसिकता, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तिब्बत को लेकर चीन की बौखलाहट एवं भारत की ओर से तिब्बत के लिए किए जा रहे संघर्षों के बारे में विस्तार से बताया।मेजर जनरल अजय चतुर्वेदी ने कहा कि भारत-तिब्बत समन्वय संघ की ओर से तिब्बत के साथ भारत के संबंधों में प्रगाढ़ता के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, वह बेहद सराहनीय है और भारत के हर कोने से लेकर तिब्बत के लिए आवाजें उठ रही है। साथ ही तिब्बत के खिलाफ चीन की साजिश के संदर्भ में जागरूक करने का कार्य भी समन्वय संघ की ओर से बड़े स्तर पर किया जा रहा है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने अपने वक्तव्य कर दौरान भारत तिब्बत समन्वय संघ के कार्यों की तारीफ करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर तिब्बतियों के अधिकारों की बात करने के लिए बेहद प्रशंसा की। मंच का संचालन संगोष्ठी के आयोजक व अवध प्रांत के अध्यक्ष श्री कुशाग्र जी द्वारा किया गया व संगोष्ठी के संयोजक व राष्ट्रीय सह-संयोजक (शोध एवं विकास)श्री प्रखर त्रिपाठी जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस दौरान भारत-तिब्बत समन्वय संघ के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया जिसमें महेश नारायण तिवारी , मनोज मिश्रा, सचिन श्रीवास्तव , राजेश राय , प्रखर त्रिपाठी , कुशाग्र वर्मा, रुचि त्रिपाठी इत्यादि तिब्बत हित चिंतक शामिल है











