#MeToo में चौरतरफा फंसे मोदी सरकार के केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर की ओर से एक महिला पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का दर्ज होने के बाद एक तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है. इसमें कहा जा रहा है कि प्रिया रमानी के खिलाफ अकबर ने 97 वकीलो की फौज उतार दी है.
लेकिन केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर की ओर से जिस लॉ फर्म ने यह कंप्लेंट दायर की है, उसने खुद इस दावे का सच सामने रखा. M/s करांजावाला एंड कंपनी के प्रवक्ता एडवोकेट संदीप कपूर ने कहा, “हमारी लॉ फर्म हैं और जब भी हम फर्म की तरफ से कोई याचिका दायर करते हैं तो हमें अपनी फर्म के तहत रजिस्टर्ड सभी वकीलों के नामों का जिक्र वकालतनामे पर करना होता है.”
उन्होंने बताया कि यह महज एक प्रक्रिया है जिसका पालन हमने किया है. उन्होंने बताया कि वकालतनामे में 6 वकीलों के साइन हैं और केवल वे ही इस केस की कार्रवाई में कोर्ट के सामने पेश होंगे.
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बता दें कि वकालतनामे के 41वें पन्ने पर अन्य वकीलों के साथ सीनियर वकील संदीप कपूर, वीर संधु, निहारिका करंजावाला, अपूर्व पांडे और मयंक दत्ता का नाम लिखा है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये वकील इस केस की सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की तरफ से पेश हो सकते हैं.
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वहीं, प्रिया रमानी ने भी एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा, ”मैं अपने ख़िलाफ़ मानहानि के आरोपों पर लड़ने के लिए तैयार हूं. सच और सिर्फ़ सच ही मेरा बचाव है.”
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उन्होंने आगे कहा कि, ”मुझे इस बात से बड़ी निराशा हुई है कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं के आरोपों को राजनीतिक साज़िश बताकर ख़ारिज कर दिया है.