
अकेलापन,
नितांत अकेलापन
रोने की आरजू
दर्द का समुन्द्र
बांटने की कसक
टूटन की चरमराहट
सुनाने की चाहत
रिसते घाव
मलहम की तमन्ना
उमड़ते तूफान
थामने की आस
डगमगाती नौका
माझी की तलाश
बिखरते सपने
संजोने की तड़प
चुभते कांटे
फूलों की तस्वीर
बढ़ती टीस
मिटाने की प्यास
नासूर रिश्ते
मखमलीअकांक्षाऐ
डूबता दिल
जिन्दादिली की उम्मीद
फिसलती जिन्दगी
स्थाइत्व की खोज
कुचलता आत्मसम्मान
स्वाभिमान की प्रीत
घुटतीइच्छायें
जीवन आहट
पल पल मरना
बिखरके सवरना
आशा निराशा
बढ़ती कशमकश
सांसो की डोर
अपने प्यार पे छोड़
थामे हाथ
हरदम साथ
फिर कहाँ
अकेलेपन की बात

सुश्री मृदुला घई
अपर केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त (मुख्यालय),
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन,
श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय, भारत सरकार











