
ऊपर वाला कब, कहाँ और कैसे चमत्कार कर दे, कोई नहीं जानता
गुरुवार रात हाईवे पर हुई ऐसी ही एक घटना ने इस बात को सही साबित किया है। बरेली से दिल्ली के लिए जा रहे एक कोरोना संक्रमित की एंबुलेंस में अचानक ही ऑक्सीजन खत्म हो गई , रोगी की सांस टूटने लगी , अनजान जगह पर न किसी से जान पहचान तो मदद किससे और कैसे मांगी जाए ये सोचकर ही परिजनों की रूह कांप रही थी कि तभी किसी से जानकारी मिलने पर समाजसेवी सरदार अवतार सिंह खुद वहां आक्सीजन का सिलेंडर लेकर पहुंच गए और रोगी की जान में जान आई। उस वक्त अवतार सिंह रोगी के परिजनों को किसी फरिश्ते से कम नहीं लग रहे थे
दिल्ली की इंद्रप्रस्थ कालोनी निवासी साठ वर्षीय छोटेलाल अपने एक परिचित के यहां बरेली आये हुए थे , जहां अचानक उन्हें बुखार आ गया। जांच हुई तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। उन्होंने बेटे गौरव को फोन किया तो वह उसी दिन बरेली पहुंच गया। हालत बिगड़ती देख उन्होंने गुरुवार को एंबुलेंस और ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया और दिल्ली के लिए निकल पड़े लेकिन रामपुर पहुंचते-पहुंचते एम्बुलेंस में आक्सीजन खत्म हो गई।
रामपुर में उनका कोई परिचित या रिश्तेदार भी नहीं था। परेशान गौरव ने एंबुलेंस हाईवे स्थित एक ढाबे पर रोक दी। नाइट कर्फ्यू के चलते ढाबा भी बंद था। वह वहां आने-जाने वालों से ऑक्सीजन की उम्मीद में पूछताछ कर रहे थे कि एक व्यक्ति ने उन्हें अपने परिचित वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह का फोन नंबर दिया। गौरव ने बड़ी ही उम्मीद से उन्हें फोन मिलाया और जिंदगी के लिए जूझ रहे पिता के बारे में जानकारी दी। फिर क्या था कुछ ही देर में अवतार सिंह खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंच गए। सिलेंडर लगते ही छोटेलाल की तबीयत में कुछ सुधार दिखने लगा। दिल्ली जाने से पहले गौरव के मुंह पर बार-बार यही बात आती रही भगवान ने ही अवतार सिंह को फरिश्ता बनाकर भेजा है, वरना जाने क्या हो जाता।










