
लखनऊ. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। प्रदेशभर में जहां संक्रमित मरीजों की संख्या ढाई लाख के करीब पहुंच चुकी है। वहीं कोरोना संक्रमण 15 हजार से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला चुका है। हालांकि सप्ताह भर में सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से घटने से राहत मिली है। यूपी के 29 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 100 से नीचे है। जबकि पांच जिलों में 50 से भी कम लोगों ने कोरोना से जान गंवाई है। इन जिलों में लोगों की जागरुकता को सबसे कम मौतों की वजह माना जा रहा है। इन जिलों में अन्य जिलों के मुकाबले कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मार्च के बाद से उत्तर प्रदेश में कोरोना लगातार कहर बरपा रहा है। अब कोरोना शहर से होते हुए गांवों में भी लोगों को अपना शिकार बना रहा है। मार्च में महाराष्ट्र में लॉकडाउन और दिल्ली एनसीआर में नाइट कर्फ्यू लगते ही प्रवासियों मजदूरों का गांवों की ओर पलायन शुरू हो गया था। इसके चलते महाराष्ट्र, दिल्ली एनसीआर समेत अन्य राज्यों में नौकरी करने वालों के जिलों में लौटने पर बड़े स्तर पर जांच की गई। मुहल्ला निगरानी और ग्राम निगरानी समिति का गठन किया गया। समिति के सदस्यों ने कुछ हद तक अपनी जिम्मेदारी निभाई और प्रवासियों की जांच करवाई। यही वजह है कि यूपी के कुछ जिलों में कोरोना संक्रमण कम लोगों की जान गई है।
पुलिस प्रशासन हुआ सख्त
हाथरस, श्रावस्ती, कासगंज, महोबा और मऊ जिले में सबसे कम डेथ रेट ( Corona Death Rate) है। इसके पीछे पुलिस की सख्ती को भी बड़ी वजह माना जा रहा है। इन जिलों में पुलिस कोविड-19 गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर रही है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। जबकि सुबह छूट के दौरान भी पुलिस फोर्स बाजारों और सब्जी मंडियों में तैनात रहकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करवा रही है। इसके अलावा बेवजह घूमने वालों के खिलाफ पुलिस कहीं कार्रवाई कर रही है तो कहीं लोगों को जागरूक करती नजर आ रही है।
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर दिया जा रहा ध्यान
यूपी सबसे कम डेथ रेट वाले जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए यहां दो हफ्ते पहले ही कई अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा कई एल-2 हॉस्पिटल भी बनाए गए हैं। वहीं, स्वास्थ्य अधिकारी कोविड अस्पतालों का दौरा कर लगातार मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा ले रहे हैं। वहीं, कोविड-19 की दूसरी लहर से बचाने के लिए योगी सरकार ने 443.50 करोड़ से सभी जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर, कोविड टेस्टिंग किट, मेडिकल होम किट आदि के लिए मंजूर किए हैं। इसके अलावा एटा, कानपुर देहात, श्रावस्ती और हाथरस समेत दस जिला अस्पतालों में 500 लीटर प्रति मिनट वाले ऑक्सीजन प्लांट लगाने को भी मंजूरी दी।
यूपी में सबसे कम मौत वाले 10 जिले
| जिला | नए केस | कुल मौत | ठीक हुए | कुल सक्रिय |
| हाथरस | 57 | 17 | 1762 | 516 |
| श्रावस्ती | 14 | 31 | 2839 | 693 |
| कासगंज | 149 | 33 | 2890 | 723 |
| महोबा | 60 | 41 | 3004 | 889 |
मऊ | 102 | 45 | 6107 | 1107 |
कौशाम्बी | 20 | 53 | 3822 | 341 |
| एटा | 143 | 54 | 6404 | 1864 |
| चित्रकूट | 157 | 59 | 5189 | 1206 |
| कानपुर देहात | 73 | 61 | 4575 | 1029 |
| संत कबीर नगर | 97 | 66 | 5673 | 1052 |










