कानपुर : गंभीर हालत देखने के बाद भी जिला अस्पताल में युवक को नहीं मिला इलाज

कानपुर। सरकार के तमाम दिशा-निर्देशों के बाद भी जिला अस्पताल में मरीज़ों को भर्ती करने के बजाय रेफर करने का खेल जारी है। मरीज की गंभीर हालत देखने के बाद सिर्फ सुविधाओं का अकाल बताकर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ा जा रहा है।

ग्वालटोली गल्लामंडी निवासी साठ वर्षीय हरिकिशन प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड है। दामाद महेंद्र ने बताया कि,शुक्रवार को ससुर ड्यूटी करने के बाद जब घर पहुंचे तो आँखों में दर्द उठा। शनिवार सुबह उनकी घर पर तबियत बिगड़ने के साथ ही दोनों आँखों से दिखना बन्द हो गया। घबराये परिजन उन्हें हैलट इमर्जेन्सी लेकर पहुंचे। यहाँ डाँक्टर ने इलाज शुरू किया।
अकबरपुर जिला अस्पताल से रेफर की गयी अमौली ठाकुराना निवासी बुजुर्ग प्रेमा देवी को उनके बेटे विजय तिवारी ने लो बीपी और पेट में तकलीफ होने पर हैलट अस्पताल में शुक्रवार को भर्ती कराया था। बेटे ने बताया कि शनिवार सुबह माँ की हालत बिगड़ी तो इलाज कर रहे डाँक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। बताया कि,अल्ट्रासाउंड कराने के लिए माँ को स्ट्रेचर पर ले जाना था। नर्स से लेकर वार्ड ब्वाँय तक से गिड़गिड़ाए तो वहीं करीब तीन घंटे के भटकने बाद स्ट्रेचर मिल सका।

ग्राम इंदलपुर रसूलाबाद निवासी अमरनाथ तिवारी का बेटा मोनू सुबह घर पर ही सर्प दंश का शिकार हो गया। बेटे को गंभीर हालत में पिता जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। पिता के मुताबिक,यहां इलाज की सुविधा ना होने का हवाला देकर डाँक्टर ने हैलट रेफर कर दिया। हैलट इमरजेंसी पहुंचने पर यहां इलाज शुरू हुआ। परिजनों के मुताबिक,युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है। मानपुर कानपुर देहात निवासी गया प्रसाद बेटी अनामिका को बुखार और उल्टियां आने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। बताया कि यहां,बेटी की हालत देखकर भर्ती करने के बजाय हैलट रेफर कर दिया। हैलट इमरजेंसी पहुंचने पर बेटी को भर्ती करने के बाद इलाज शुरू हुआ।

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