
वाराणसी के रामनगर स्थित काशी वन्य जीव प्रभाग में तकरीबन 20 माह से जंजीरो से जकड़े 40 साल के हाथी मिट्ठू को आखिरकार सोमवार की दोपहर आजादी मिल गई। अब मिट्ठू का नया ठिकाना लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा नेशनल पार्क है। दुधवा नेशनल पार्क में मिट्ठू अन्य वन्य जीवों के साथ आजाद होकर अपनी मर्जी के हिसाब से रहेगा। मिट्ठू एक व्यापारी की हत्या के आरोप में कैद किया गया था। अब दुधवा में वह खुले में विचरण करेगा।
पुलिस कमिश्नर की पहल रंग लाई
20 अक्टूबर 2019 को चंदौली जिले में मेले में मिट्ठू ने एक व्यापारी को अपनी सूंड़ से उठा कर पटक दिया था। गंभीर रूप से घायल व्यापारी की मौत हो गई थी। इसके बाद से मिट्ठू रामनगर स्थित काशी वन्य जीव प्रभाग में खुले आसमान के नीचे जंजीरों से जकड़ा हुआ था। बीते दिनों वाराणसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मिट्ठू को दुधवा नेशनल पार्क ले जाने का आदेश दिया था। इसके अलावा वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने भी नई दिल्ली स्थित चिड़ियाघर के निदेशक से मिट्ठू को दुधवा नेशनल पार्क भिजवाने की बात की थी।
रेंजर ने बताया रास्ते में कोई परेशानी नहीं हुई
काशी वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ दिनेश सिंह ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क की टीम को पहले सोमवार को आना था, लेकिन वह रविवार की शाम ही आ गए। मिट्ठू का स्वास्थ्य परीक्षण कर टीम ने उसे स्वस्थ बताया। दुधवा नेशनल पार्क के डॉ. दयाशंकर, मथुरा के एसओएस संस्था के डॉ. राहुल भटनागर की निगरानी में 4 महावत मिट्ठू को लेकर निकले थे। मिट्ठू को ले जाने के लिए हाईड्रोलिक एलीफेंट ट्रांसपोर्ट वैन का इस्तेमाल किया गया। चारों तरफ से बंद और ऊपर से खुली वैन के आगे के हिस्स में महावत बैठे थे। दुधवा नेशनल पार्क से आई टीम के साथ वाराणसी से एक रेंजर और चार अन्य कर्मचारी को भी भेजा गया है। हमारे रेंजर ने बताया कि लगभग 17 से 18 घंटे के सफर के बाद दोपहर में सभी लोग दुधवा नेशनल पार्क पहुंच गए। रास्ते में मिट्ठू के चलते किसी तरह की समस्या नहीं हुई।











