नई दिल्ली : मम्मी अगर मैं जीवित बचा, गनीमत है। मम्मी मैं तुझे बहुत प्यार करता हूं। आज शायद मैं नहीं बचूंगा। लेकिन फिर भी मौत को सामने खड़ा देखकर भी आज मुझे डर नहीं लग रहा है। बचना मुश्किल है यहां पर…. ये शब्द दूरदर्शन की टीम में शामिल मोर मुकुट शर्मा ने उस वीडियो संदेश में कहे थे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार को नक्सलियों ने कायराना हमला किया। इस हमले में दूरदर्शन के एक पत्रकार की मौत हो गई जबकि दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए। हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन सहित दो जवान शहीद हो गए. इस बीच दूरदर्शन की टीम में शामिल दूसरे साथियों ने सड़क के पास एक गड्ढे में छुपकर अपनी जान बचाई. इस बीच मौत को सामने देख टीम के एक असिस्टेंट कैमरामैन मोरमुकुट शर्मा ने अपनी मां के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया.
जब कैमरामैन घटना स्थल पर अपना वीडियो बना रहा था, उस वक्त नक्सली लगातार गाली-गलौच करते हुए गोलीबारी कर रहे थे. साथ ही पत्रकारों पर हैंडग्रेनेड फेंके जा रहे थे. मौत को सामने खड़ा देखकर भी कैमरामैन ने हिम्मत नहीं हारी और मां के नाम अपना संदेश रिकॉर्ड किया. मोरमुकुट इस हमले में बाल-बाल बच गए.
Doordarshan camera/lighting assistant Mormukut Sharma recorded this as Maoists attacked his group, killing colleague Achyutanand Sahu & 2 policemen. pic.twitter.com/ae7aXwHqxQ
— Shiv Aroor (@ShivAroor) October 31, 2018
#WATCH:Dantewada SP Abhishek Pallav breaks down while talking about death of 2 police personnel&DD cameraman in Naxal attack,"Naxals took camera of one of the media persons & dragged other two. My constable fought the Naxals else 2 more media persons could've been harmed." pic.twitter.com/XF74PcjnMq
— ANI (@ANI) October 30, 2018
#WATCH: Dantewada SP Abhishek Pallav breaks down while talking about death of 2 police personnel & DD cameraman in Naxal attack, "For past 15 days, media persons were coming to remote villages to report problems of locals, ahead of polls. Agitated by this, Naxals attacked them" pic.twitter.com/OCrYbr0B4x
— ANI (@ANI) October 30, 2018
आपको बता दें कि दंतेवाड़ा में अरनपुर थाना क्षेत्र के निलावाय में पत्रकारों की टीम इलेक्शन कवरेज करने गई थी. इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए जबकि डीडी न्यूज के एक कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत हो गई. टीम के अन्य सदस्य जान बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे. वो पास के एक गड्ढे में छुप गए. किसी को बचने की उम्मीद नहीं थी. इस दौरान अपने सामने मौत खड़ा देख असिस्टेंट कैमरामैन मोरमुकुट शर्मा ने अपनी मां के नाम एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया.
मोरमुकुट का मां के नाम रिकॉर्ड किया संदेश
”आतंकी हमला हो गया है… हम दंतेवाड़ा में आए थे इलेक्शन कवरेज पर… एक रास्ते से जा रहे थे, आर्मी हमारे साथ थी… अचानक नक्सलियों ने घेर लिया… मम्मी अगर मैं जीवित बचा तो गनीमत है… मम्मी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं… हो सकता है मैं हमले में मारा जाऊं… परिस्थिति सही नहीं है… पता नहीं क्यों मौत को सामने देखते हुए डर नहीं लग रहा है…बचना मुश्किल है यहां पर… 6-7 जवान हैं साथ में… चारों तरफ से घेर लिए हैं..”
बोलते समय मोरमुकुट का गला सूख रहा था. वह प्यास से तड़प रहे थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इस बीच वो लगातार अपने हाथों से गड्ढा भी खोदते रहे. लगातार 40 से 45 मिनट के नक्सली आतंक के बाद सुरक्षाबलों की दूसरी टुकड़ी वहां पहुचीं तब जाकर पत्रकारों और बचे हुए जवानों ने राहत की सांस ली. सहायता मिलने पर मोरमुकुट ने सबसे पहले जवानों से पानी पीने को मांगा.
शहीद पुलिसकर्मी की बहादुरी याद कर रो पड़े एसपी
एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि उनके जवान ने बहादुरी से नक्सलियों का सामना किया, अगर ऐसा ना होता तो दो और मीडियाकर्मियों को नुकसान पहुंच सकता था. अपने जवान के कारनामे को बताते हुए एसपी रो पड़े. उन्होंने कहा कि नक्सली नहीं चाहते हैं कि इस इलाके में विकास हो. एसपी ने कहा, “डीडी के दो रिपोर्टर जो दिल्ली से आए थे…वे 150 मीटर तक रेंगकर भागे, नक्सलियों ने उन्हें गोली मारने की कोशिश की तो मेरे जवान ने कूद कर उनको धक्का दिया, जिसमें वो शहीद हो गया…मैं अपने तीस लड़कों को शाबासी देता हूं कि उन्होंने 300 नक्सलियों को पीछे भागने पर मजबूर किया…नहीं तो दूसरे हमले में तीस के तीस शहीद हो सकते थे.”
अभिषेक पल्लव ने कहा कि घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं था. एसपी अभिषेक पल्लव ने रोते हुए कहा, “हमने एंबुलेंस का इंतजार किया…तब उनको अस्पताल भेज सके…हमने चारों ओर से एरिया को घेर लिया, उन्होंने जो हथियार लूटा उसे हमने वापस ले लिया…दो नक्सलियों को भी गोली लगी है. एसपी ने कहा कि यहां पर दिल्ली से मीडिया टीमें आई थीं. वे यहां पर विकास के काम को देख रहे थे. एसपी ने कहा कि मीडिया की बाहरी टीमें आने से नक्सली गुस्से में थे, वे लोगों पर सड़क काटने का दबाव बना रहे थे. एसपी के मुताबिक गांव वाले नक्सलियों के दबाव में नहीं झुके. इसके बाद दो तीन गांव के नक्सलियों ने साथ मिलकर हमले का प्लान बनाया.