जाति व भाषा के नाम पर देश बांटने वालों से सावधान रहेंः योगी

गोपाल त्रिपाठी 
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि जो लोग जाति और भाषा के नाम पर देश को बांटना चाहते हैं उनसे सावधान रहने की जरूरत है। बाद में उनके परिवार में क्या होता है यह आप जानते ही हैं। हमें ऐसा भारत चाहिए जहां नक्सलवाद, आतंकवाद, जातिवाद व गंदगी न हो। जहां हर व्यक्ति के सुरक्षा की गारंटी हो।
बरही सोनबरसा के प्रताप नारायण सिंह जनता इंटर कालेज परिसर में संस्थापक स्व.प्रताप नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहाकि आज देश स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार बल्लभ भाई पटेल को याद कर रहा है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक भारत की सभी अलग अलग रियासतों को एक साथ जोडने का काम सरदार पटेल ने कया। सभी 568 रियासतों को एकजुट किया और वर्तमान भारत की रचना की। मुख्यमंत्री ने कहाकि हम सनातन धर्मावलंबी हैं, क्योंकि जिसने हमारे लिए कुछ किया, उसके प्रति हम कृतज्ञताा ज्ञापन करते हैं। स्व.प्रताप नारायण सिंह को स्मरण करते हुए कहाकि आजादी के पहले इस क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाना दुरूह कार्य था। उस कालखंड में इस क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने के लिए उन्होंने विद्यालय की स्थापना की। बीस साल पूर्व जब वे यहां आए थे तो शैक्षणिक वातावरण काफी अच्छा था।
क्षेत्र के विकास के लिए स्वर्गीय प्रताप नारायण सिंह की रूचि देखते ही बनती थी। उन्होंने कहाकि दुनिया का सबसे उत्कृष्ट बल, वैभव और बुद्धि हमारे पास थी। दुनिया का पहला विश्वविद्यालय भी भारत में ही बना। जब दुनिया अंधेरे में थी तब हमारे ऋषि मुनियों के गुरूकुल में अच्छी शिक्षा दी जाती थी। दुनिया में भारत कहीं पहुंचा तो अपने ज्ञान की बदौलत, गीता में कहा गया है कि किसी को ज्ञानवान बनाना पुण्य का काम है। शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान नहीं होना चाहिए बल्कि उसे व्यवहारिक ज्ञान से जोडना चाहिए। बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान देना चाहिए। अगर शिक्षा हमें पलायन का रास्ता दिखाती है तो ऐसी शिक्ष का कोई मतलब नहीं होता। सभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने जंगल कौडिया के काजीपुर गांव में आईटीआई का शिलान्यास किया।
छात्रों और शिक्षकों को दी सलाह
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक एग्जाम वारियर्स का जिक्र करते हुए कहाकि मैं चाहूंगा कि हर विद्यालय की लाइब्रेरी में यह पुस्तक रखी जाए। इसकी उपयोगिता प्रत्येक छात्र के लिए है। हजारों वर्ष पुरानी परंपरा को हमने भुला दिया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परंपरा को पुनः आगे बढाया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत की। विद्यालयों को इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। योग हमें तन और मन से स्वस्थ रखता है। जीवन में अनुशासन भी लाता है। कम बुद्धिमान व्यक्ति को बिना धैर्य खोए बुद्धिमान बनाना भी महत्वपूर्ण कार्य है। शिक्षकों को यह कार्य बिना धैर्य खोए करना चाहिए। बच्चों को प्रतिदिन कम से कम दो समाचार पत्र और उसकी संपादकीय पढना चाहिए। इससे उनके पास ज्ञान का कोष बनेगा और यह प्रतियोगी परीक्षाओं में काम भी आएगा।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें