Bihar Weather Alert : मौसम विभाग ने किया अलर्ट, ये जिले रहें ज्यादा सावधान

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Rain In Patna) समेत कई जिलों के अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली है. इस बीच मौसम विभाग ने आने वाले 48 से 72 घंटे के अंदर बिहार के सभी जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है.  मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले कुछ घंटों में बारिश के साथ वज्रपात की संभावना है.

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव केंद्र का असर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. राज्य में मानसून की सक्रियता बढ़ने से गुरुवार को पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई थी. जानकारी के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन बीते 48 घंटे के दौरान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार की ओर से अग्रसर हो रही है. इसके प्रभाव से प्रदेश में नमी युक्त पूर्वी हवा का प्रभाव है.  इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है.

मौसम विभाग ने बिहार के पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और मधुबनी में येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार के इन जिलों में आने वाले अगले 2 से 3 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम मेघगर्जन, वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है. इन जिलों के कुछ भागों में करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना व्यक्त की है.

मौसम विभाग (Weather Department) के अनुसार पूरे बिहार में इसका असर देखने को मिलेगा. साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि जब बारिश हो या बिजली की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे तो लोग पक्के मकान में शरण लें और पूरी सावधानी बरतें. खुले मैदान, नदियां, जलजमाव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान जैसी जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं अधिक है.

ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.

येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.

रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.

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