
रुड़की। ढंडेरा निवासी ग्रामीणों ने एक डाक कर्मचारी पर लाखों रुपए गबन करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों के अनुसार डाक कर्मचारी करीब 1 माह से गायब है, जबकि उनके द्वारा जमा की गई रकम की एंट्री मुख्य डाकघर में नहीं मिल पाई है। वहीं कई ग्रामीणों की पासबुक भी उक्त कर्मचारी के पास ही जमा है।
ढंडेरा नगर पंचायत क्षेत्र में एक डाक घर के बाहर इकट्ठे हुए ग्रामीणों ने बताया कि वह कई सालों से अपने खून पसीने की कमाई डाकघर में जमा करते आ रहे थे, लेकिन पिछले करीब 1 माह से डाकघर बन पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन तो वह यह सोचते रहे कि कर्मचारी कहीं गए होंगे और वापस आ जाएंगे लेकिन जब वह वापस ना लौटे तो उनके घर जाकर पता किया लेकिन वहां भी कोई जानकारी नही मिल पाई। ग्रामीणों का कहना है कि कई लोगों ने अपनी पासबुक भी कर्मचारी के पास ही जमा कर रखी थी। वहीं ग्रामीणों के अनुसार उक्त कर्मचारी हाथ से पासबुक में एंट्री करते थे लेकिन अब जब ढंडेरा स्थित मुख्य डाकघर में पासबुक को लेकर गए तो वहां उनके द्वारा जमा की गई रकम की एंट्री नहीं मिली। वहीं कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि डाक कर्मचारी निजी कमेटी भी डालते थे जो कि हजारों से शुरू होकर लाखों तक की होती थी। क्षेत्रीय निवासी पंकज कुमार ने बताया कि उसके पिता ने 60 हजार रुपए एफडी के करीब 7 साल पहले करवाई थी लेकिन अब उक्त कर्मचारी ने मना कर दिया कि कोई एफडी नही हुई। वहीं उनका कहना है कि 13 साल से बीमे के 400 रुपए महीना जमा करने के बाद किताब में कोई प्रिंटिड एंट्री नही है केवल हाथों से एंट्री की गई है जब कर्मचारी से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि नई पासबुक बनेगी उसमें पूरी एंट्री मिलेगी। वहीं ओमलता के अनुसार उसके खाते 38 हजार रुपए जमा हुऐ हैं लेकिन कोई पुख्ता एंट्री नही है। अमित कुमार भी 2013 से 580 रुपये महीना खाते में जमा किये। वहीं ओम सिंह ने थोड़े थोड़े करके एक लाख 80 हजार रुपए जमा किये उनके पास पासबुक भी नही है पता नही रकम जमा हुई है या नही। इसके साथ ही ग्रामीण श्रवण, सितों, रतनिया, इशरत, चांदनी, अश्वनी कुमार, याकूब, रिक्की, रहीसा, रानी, सुमन आदि का कहना है कि उनकी लाखों रुपए की रकम का पता नही।