भास्कर समाचार सेवा
देहरादून। उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी के नेतृत्व में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन प्रेषित करते हुए राज्य सरकार की ओर से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के उपरांत लिये गये निर्णयों को निरस्त करवाये जाने का अनुरोध किया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 8 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग की ओर से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। विभिन्न समाचार माध्यमों से संज्ञान में आया है कि राज्य सरकार की ओर से चुनावों की घोषणा के उपरांत 8 जनवरी एवं 9 जनवरी को विभिन्न विभागों में बडी संख्या में कर्मचारियों एवं अधिकारियों के स्थानांतरण करने के साथ ही कई संवैधानिक संस्थाओं में बडे पैमाने पर नियुक्तियां की गई हैं जो कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों का खुला उलंघन है। कांग्रेस पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर सरकारी विज्ञापनों से संबंधित बैनर, पोस्टरों को सार्वजनकि स्थानों से तुरंत हटाया जाए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सस्ता गल्ला के माध्यम से वितरित की जाने वाली राशन किटों से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की तश्वीर हटाई जाए तथा चुनाव घोषणा के उपरांत किये गये सभी विभागों के स्थानांतरणों एवं संवैधानिक संस्थाओं में की गई नियुक्तियों को निरस्त किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महासचिव मथुरादत्त जोशी के अलावा, सदस्यता अभियान समिति के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी, पूर्व महामंत्री सुरेंद्र सिंह रांगड, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, मलिन बस्ती विभाग के संजय शर्मा, विशेष आमंत्रित सदस्य अशोक वर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव जैन, पौराणिक सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आचार्य नरेशानंद नौटियाल, प्रदेश सचिव शांति रावत, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह आदि शामिल थे।