
विक्रमजोत /बस्ती। सरकार भले ही गड्ढा मुक्त सडक का दावा कर रही है लेकिन सूबे के मुखिया का यह फरमान स्थानीय विकास क्षेत्र की करीब आधा दर्जन सड़को के लिए बेमतलब सावित हो रहा है आलम यह है की यह सडके इस कदर जर्जर हो चुकी हैं जिनपर वाहन से कौन कहे पैदल चलना दुस्वार हो गया है।
विक्रमजोत विकास क्षेत्र व परशुरामपुर के दो दर्जन गांवों को संपर्क मार्गों से जोड़ने वाली लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित मखौड़ाधाम से जुड़ने वाला बस्थनवां -उजैनी- मखौड़ा मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। करीब चार किलो मीटर लम्बी सड़क पर बने गड्ढ़ों ने बड़ा आकार ले लिया है । जिसके चलते आये दिन लोग दुर्घटना का शिकार हो कर चोटिहल रहे हैं । इस मार्ग से रानीपुर , बस्थनवां , मुकुंदपुर , उड़सीवां , तक्कीपुर , उजैनी , टीकाजोत , मल्हनी , अहिरौला सहित दर्जन भर से अधिक गांव के लोगो का रोज आना जाना रहता है । कुछ ऐसा ही हाल बस्थनवां से होकर गुजरने वाली तल्हवापुर -हरेवा मार्ग का है। मरम्मत के बावजूद सड़क जर्जर हो चली है। वहीं पटखापुर परशुरामपुर मार्ग से रीवां , मुनियांवा ,मल्हनी को जोड़ने वाली करीब चार किलोमीटर लम्बी सड़क भी जगह जगह उखड़ गयी है।इसी क्रम में कोहराएं परशुरामपुर मार्ग से सुकरौली पाण्डेय होते हुये मेढ़ायें को जाने वाली सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है । ग्रामीणों ने बताया कि सड़कों की मरम्मत सही ढ़ंग से न होने पर सड़क बनते ही उखड़ने लगती है। सरकार का गड्ढा मुक्त सडक का फरमान इन सडकों के लिए बेमतलब सावित हो गया है। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है की सालों बीत जाते हैं पर जिम्मेदार सड़क की सुधि नहीं लेते हैं जिसका खामियाजा ग्रामीण राहगीरों को उठाना पड़ता है।क्षेत्रीय लोगों ने गड्ढों मे तब्दील हो चुकी सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने की मांग की है।