अविवि में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र तथा वीमेन ग्रीवेंस एंड वेलफेयर सेल द्वारा राष्ट्रीय ‘बालिका दिवस‘ के अवसर पर बालिकाओं के विकास में शिक्षा की भूमिका‘ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करती हुई मुख्य वक्ता लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा बॉटनी विभाग की डॉ0 रेखा शर्मा ने बताया कि नारी के साथ किए जा रहे भेदभाव उसके व्यक्तित्व के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। समाज को आगे आकर इन भेदभाव को खत्म करना होगा। उन्होंने बताया कि नारी को शिक्षा से वंचित करने के लिए समाज को दोषी मानते हैं लेकिन ऐसा नही है। हर परिवार संकल्प करें तो नारी को शिक्षा से वंचित नही हो पाएगी। उन्होंने बताया कि हमारे संविधान में बिना किसी भेदभाव के 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य की गई है। इसलिए सभी को शिक्षा बिना किसी भेदभाव से मिलनी चाहिए। डाॅ0 रेखा ने नन्ही बालिकाओं को संपूर्ण विश्व-ब्रह्मांड का भरण पोषण व संचालन करने वाली मातृशक्तियों का साक्षात स्वरूप कहा और बताया कि समाज में इनकी जरूरत है। शिक्षा वह गहना है जिससे बालिकाओं के व्यक्तित्व का अनुपम श्रंगार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बालिकाओं को स्वस्थ, शिक्षित, सुदृढ़ व संस्कारवान बनाने के साथ घर परिवार के बालकों को भी संस्कारवान बनाया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ0 रेखा ने बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रो0 तुहीना वर्मा ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर संबोधित करते हुए बताया कि भारत में 14वां राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। इसे मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। कार्यक्रम में प्रो0 तुहीना ने सभी अभिभावकों एवं छात्रों को बालिका सुरक्षा की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में अतिथि का स्वागत सेल की सह समन्वयक इंजीनियर मनीषा यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रतिभा त्रिपाठी ने किया। तकनीकी सहायोग् इंजीनियर मनीषा व डाॅ0 महिमा चैरसिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 स्नेहा पटेल, डॉ0 निहारिका सिंह, डॉ0 सरिता द्विवेदी, डॉ0 शिवि, डॉ0 सुधा राय, गायत्री वर्मा, इंजीनियर निधि प्रसाद, निहारिका श्रीवास्तव, सहित समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।