अवैध कब्जे के खिलाफ कलेक्ट्रेट मे किया प्रदर्शन

डीएम को पत्रक सौंप पुलिस पर लगाया अवैध कब्जा कराने का आरोप

जिलाधिकारी ने एसडीएम को दिया निस्तारण का निर्देश, पिड़ित परिवार न्याय की आस मे

मिर्जापुर। कटरा कोतवाली अंतर्गत डंकीनगंज मुहल्ला निवासी प्रहलाद दास अग्रहरी पुत्र स्वर्गीय भरत लाल ने अपने बच्चों सहित कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को जमीन पर अवैध एवं अनधिकृत रूप से दौरान मुकदमा कब्जा किए जाने की शिकायत करते हुए यथास्थिति बनाए रखने की मांग की।   डीएम को सौंपे पत्रक मे डंकीनगंज मुहल्ला क निवासी प्रहलाद दास ने बताया है कि उनका मुकदमा संख्या 225/1999 चल रहा था, जिसमें तारीख न देख पाने के कारण खारिज था। पुन: न्यायालय अतिरिक्त सिविल जज सिनीयर डिविजन के यहां मूल वाद संख्या 11 सन् 2021 के तहत 20/01/2022 तारीख नियत थी, लेकिन कोविड/जज के न बैठने के कारण 23.2.22 की तारीख लगी हुई है। जिस पर विपक्षी अवैध ढंग से दौरान मुकदमा कब्जा करना चाहते हैं और स्थानीय थाना पुलिस बिना किसी अदालती आदेश के कब्जा कराना चाहती है। पत्रक मे बताया है कि गुरुवार को पुलिस टीम आकर हम लोगो को धमकी देकर गयी कि ये लोग शुक्रवार को कब्जा करेंगे तुम लोग बोलोगे तो अंदर जाओगे।  

शुक्रवार को पुलिस की मिलीभगत से विवादित व विचाराधीन जमीन पर कब्जा का प्रयास भी किया गया। मौके पर लोग तोड़फोड़ कराने के लिए लेबर मजदूर बुलाए और कब्जे का प्रयास करने लगे।विपक्षी यह कहते रहे कि ऊपर का आदेश है, हम बनवाएंगे। प्रहलाद दास ने बताया कि भारी संख्या मे भजदूर मिस्त्री लेकर विवादित विचाराधीन जमीन पर कब्जे के प्रयासको नोकझोक कर शांत किया गया, लेकिन विपक्षी जान से मारने की धमकी देते हुए कह रहे हैं कि पुलिस हमारे साथ है कब्जा हम करेंगे। बहरहाल शुुक्रवार को जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को निस्तारण का निर्देश दिियाहै। अब देखना यह है कि एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद पिडित को न्याय मिलता है या फिर कब्जा कराने का ठिका लेने का पुलिस पर लग रहा आरोप सच साबित होता है, यह तो समय बताएगा। बहरहाल बेहतर होगा कि आचार संहिता को देखते हुए अप्रिय घटना की संभावना को दरकिनार करते हुए एसडीएम विवादित जमीन का निस्तारण होने तक दोनो पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश करते हुए विवादित विचाराधीन जमीन को ही कूर्क कर दें, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। प्रदर्शन करने वालो मे पीयूष अग्रहरि, प्रकाश अग्रहरि आदि रहे।

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