मुकाबला उस भाजपा से, जिसने विकास के नाम पर जनता को ठगा
भास्कर समाचार सेवा
काशीपुर। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी दीपक बाली का नगर के जिस टांडा उज्जैन क्षेत्र में जन्म हुआ और पले व बड़े हुए, उस क्षेत्र में घर-घर जाकर क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने वोट मांगे। अपने जन्म क्षेत्र में पहुंचते ही लोगों ने उन्हें गले लगा लिया और फूलमालाओं से लादते हुए पूरा आश्वासन दिया कि इस बार काशीपुर के अवरुद्ध पड़े विकास कार्यों को पूरा करने के लिए वे काशीपुर के विकास की चाभी दीपक बाली को ही सौंपेंगे।
बाली ने कहा कि उनकी सीधी चुनावी लड़ाई उस भाजपा से है, जिसने 21 वर्षों से काशीपुर की जनता का वोट तो लिया, लेकिन विकास के नाम पर किया कुछ नहीं। बस एक मौका दे दो, फिर दिखाऊंगा कि काशीपुर क्षेत्र का विकास कैसा होना चाहिए था। काम करना भी जानता हूं और काम कराना भी, लेकिन जनता की जो ताकत मेरे पास होनी चाहिए, उसी ताकत को लेने के लिए आपके बीच आया हूं। मुझे काशीपुर क्षेत्र की जनता पर पूरा विश्वास है कि इस बार वह उन राजनीतिक दलों पर कतई भरोसा नहीं करेगी, जिनमें से एक को चुनाव हारने की तो दूसरे को चुनाव जीतकर भी विकास ना करने की आदत पड़ चुकी है।
उन्होंने जनता से अपील की कि इस बार शराब और पैसा बांटकर चुनाव जीतने वालों को नकारकर बता दें कि काशीपुर की जनता शराब और चंद पैसे नहीं, बल्कि विकास चाहती है और विकास के लिए ही वोट देगी। जनसंपर्क के दौरान आप विधायक प्रत्याशी दीपक बाली ने मझरा और टांडा उज्जैन क्षेत्र में दर्जनों लोगों को पार्टी में भी शामिल किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का परिवार लगातार बढ़ता जा रहा है और यह परिवार ही इस बार विकास के क्षेत्र में काशीपुर के भाग्य का फैसला करेगा।
उर्वशी बाली ने चुनावी संग्राम में झोंकी ताकत
काशीपुर। विधानसभा चुनाव में पति के साथ चुनावी संग्राम में आम आदमी पार्टी के विधायक प्रत्याशी दीपक बाली की धर्मपत्नी उर्वशी दत्त बाली ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। वह दिन रात जनसंपर्क के साथ-साथ बूथ कार्यालयों के उद्घाटन में भी जुटी हैं और जनता से साफ कह रही हैं कि काशीपुर के ठप पड़े विकास के लिए दीपक बाली को वोट देकर एक मौका दें।
दीपक बाली ही कर सकते हैं काशीपुर का विकास: डंपी
काशीपुर। उद्योग व्यापार मंडल के पूर्व नगर अध्यक्ष व आप नेता राजीव सेतिया उर्फ डंपी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने विकास के मामले में काशीपुर क्षेत्र की जनता को पिछले 20 वर्षों से लगातार निराशा दी है। जो काशीपुर कभी राष्ट्रीय पहचान रखता था, आज वह छोटे-छोटे शहरों से भी बुरे हाल में है और खुद भाजपा के नेताओं ने काशीपुर को कस्बा कहना शुरू कर दिया है। यदि इस बार फिर भाजपा यहां से चुनाव जीती तो काशीपुर गांव बनकर रह जाएगा।