
संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ इसकी शुरुआत हुई। सत्र शुरू होने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर में गिरावट का अंदेशा जताया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी की ग्रोथ और अगले वित्त वर्ष में 8-8.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण में यह भरोसा भी जताया गया कि देश की अर्थव्यवस्था सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। सर्वेक्षण के मुताबिक देश के कृषि क्षेत्र के साथ ही साथ औद्योगिक उत्पाद की विकास दर में भी सुधार आया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है। इसमें अगले वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर में कमी आने की आशंका जाहिर की गई है। 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश की जीडीपी में 8 से 8.5% तक की बढ़ोतरी होने के आसार हैं। जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के यह विकास दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि, कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां काफी बढ़ गई थीं। भारतीय अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान गति प्राप्त की है। धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रही हैं। उन्होंने कहा, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में एक साल पहले की तुलना में 8.4% की वृद्धि हुई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज दरों में से एक है। हालांकि, भारत के सांख्यिकी मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर केवल 9.2% रहने का अनुमान लगाया है। 2020 में कोविड महामारी के प्रकोप से पहले संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 6-6.5% के प्रक्षेपण के मुकाबले 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3% की कमी आई थी।