मंगलवार को संसद में जारी किए गए बजट में वर्चुअल डिजिटल को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर से होने वाली किसी भी आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स लगाया जाएगा। अधिग्रहण की लागत को छोड़कर ऐसी आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर किए गए भुगतान पर एक फीसद टीडीएस लगाया जाएगा। इसके अलावा भुगतान में देरी को कम करने के लिए एक आनलाइन बिल प्रणाली शुरू की जाएगी और इसका उपयोग सभी केंद्रीय मंत्रालय करेंगे।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) सेक्टर में युवाओं को रोजगार देने की अपार संभावनाएं हैं। सभी हितधारकों के साथ एक एवीजीसी प्रमोशन टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, ये हमारे बाजार और वैश्विक मांग के लिए घरेलू क्षमता का निर्माण करेगी। कर प्रस्ताव संसद में केंद्रीय बजट पारित होने के बाद 1 अप्रैल से लागू होंगे।
उद्योग के बड़े वर्ग की मांगों को पूरा करते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई 2022-23 में ब्लाकचेन तकनीक पर आधारित एक ‘डिजिटल रुपया’ लांच करेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर लगाया जाने वाला 30 प्रतिशत टैक्स लाटरी, गेम शो, पजल आदि से जीत पर कर की दर के समान है।
डिजिटल मुद्रा और संपत्ति जैसे एनएफटी (अपूरणीय टोकन) ने पिछले कुछ वर्षों में विश्व स्तर पर आकर्षण हासिल किया है। क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज शुरू होने के साथ इन परिसंपत्तियों में व्यापार कई गुना बढ़ गया है। हालांकि, भारत के पास ऐसे परिसंपत्ति वर्गों को विनियमित करने या उन पर कर लगाने के बारे में कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। एनएफटी सत्यापित स्वामित्व अधिकारों के साथ अद्वितीय डिजिटल संपत्ति हैं और विवरण एक ब्लॉकचेन पर संग्रहीत किए जाते हैं।
नांगिया एंडरसन इंडिया के अध्यक्ष राकेश नांगिया ने कहा कि सरकार ने एक स्थिर और अनुमानित कर व्यवस्था पर बात की है और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के हस्तांतरण को कराधान के दायरे में लाया गया है।