क़ुतुब अंसारी

मिहींपुरवा( बहराइच ) (मोतीपुर) तहसील क्षेत्र अन्तर्गत कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के कतर्नियाघाट वन रेंज अन्तर्गत गेरुआ नदी उस पार तहसील मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर भारत नेपाल सीमा पर स्थित मिहींपुरवा विकास खण्ड का वन ग्राम भरथापुर स्थित है। जिसमें छोटे बड़े घर मिलाकर लगभग 100 परिवार निवास करते हैं। भारत नेपाल सीमा पर स्थित यह गांव चारों तरफ से कतर्नियाघाट के घने जंगल , जंगल के बीच बहने वाली नेपाल से बहकर आई गेरुआ नदी से घिरकर टापू की मानिंद भारत नेपाल सीमा पर स्थित है। जहां आए दिन जंगली जीवो बाघ, तेन्दुआ, नेपाली जंगली हाथी, गिरवा नदी उस पार पाए जाने वाले जंगली गैण्डे आदि जंगली जीव का आबादी के बीच अक्सर आवागमन होता रहता है। आए दिन आबादी पर जंगली हाथियों का कहर भी टूटता है। जिससे लोगों की फसलें और मकान तबाह होते रहते हैं।
बरसात के समय यह स्थिति और भी भयावह हो जाती है।भरथापुर ग्राम के निवासियों को शिक्षा,स्वास्थ चिकित्सा व दैनिक उपभोग की जरूरत की वस्तुओं सहित अन्य सुविधाओ के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है। जंगली व सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण भरथापुर के ग्रामवासियों को संचार सेवाओं का भी समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। गेरुआ नदी पर पुल की सुविधा ना होने से ग्रामीणों को दैनिक जरूरत के प्रत्येक कार्य के लिए या तो नाव का सहारा लेकर नदी पार कर आना पड़ता है। या नेपाल की तरफ रुख करना पड़ता है। मुख्यालय से दूरी और दुरूह क्षेत्र होने के कारण चुनाव के समय चुनाव आयोग को भारथापुर गांव में अलग से सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती भी करनी पड़ती है।
प्राकृतिक बनावट के कारण व विकासखंड मुख्यालय से एक तरह से कटा होने के कारण ग्रामीणों की समस्याओं के दृष्टिगत भारथापुर के ग्रामीणों को कई बार विस्थापित करने की मांग भी उठती रही है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास से वन व राजस्व विभाग द्वारा विस्थापन का असफल प्रयास भी किया गया। वन विभाग भरथापुर के ग्रामीणों को विस्थापित कर कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के ककरा वन रेंज के नौबना स्थित जंगल की भूमि पर बसाना चाहता था । लेकिन राजस्व अभिलेखों का वर्तमान परिवारिक दावेदारों से लेकर भिन्नता के मदभेद के कारण विस्थापन संभव नहीं हो पा रहा था।
ग्रामीणों की मांग पर पिछले दिनों भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व बलाहा विधायक ने भरथापुर के ग्रामीणों के विस्थापन के लिए पुनः प्रयास करते हुए जरूरी लिखा पढ़ी के साथ कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी ज्ञान प्रकाश सिंह , उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा कीर्ति प्रकाश भारती व तहसीलदार मिहींपुरवा केशवराम के साथ बैठक कर विस्थापन की प्रक्रिया पुनः शुरू करने की बात कही थी। जिस पर राजस्व विभाग व वन विभाग दोनों ने अपनी सहमति जताई थी।
बलहा विधायक के प्रयास से वन ग्राम भरथापुर के विस्थापन के लिए पुनः राजस्व सर्वे के लिए उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा कीर्ति प्रकाश भारती ने कानून को सगीर अहमद व हल्का लेखपाल बंसराज के साथ शुक्रवार को भरतापुर गांव का दौरा किया।
उप जिला अधिकारी मिहींपुरवा ने बताया कि भरतपुर में लगभग 105 परिवार निवास करते हैं। जिनका राजस्व सर्वे कराया जा रहा है। पुराने अभिलेखों व नए सर्वे को मिलान कर सभी परिवारों का सत्यापन कराया जाएगा। तथा सत्यापन के बाद सभी परिवारों को विस्थापित करके कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के ककरहा वन रेंज के नौबना स्थित वन विभाग की भूमि पर बसाया जाएगा। उप जिला अधिकारी ने बताया कि राजस्व अभिलेख में दर्ज प्रत्येक परिवार के बालिंग सदस्य जिसका नाम खतौनी में अंकित हो को 2 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन, प्रधानमंत्री आवास व 1000000 रूपये दिया जाएगा। तथा ऐसे परिवार जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं है के प्रत्येक उस बालिग सदस्य को जिसका नाम खतौनी में दर्ज नहीं होगा को 1000000 का मुआवजा व प्रधानमंत्री आवास दिया जाएगा।
उपजिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व सर्वे के लिए हल्का लेखपाल को जल्द सर्वे कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चुनावी वर्ष के दृष्टिगत अलग सेक्टर बनाये जाने के हिसाब से क्षेत्रीय बीएलओ को ज्यादा से ज्यादा लोगों का मतदाता सूची से जोड़े जाने सहित फॉर्म 6 ,7, 8 को ज्यादा से ज्यादा भरवाए जाने का निर्देश दिया गया है।
पहली बार जंगल में नदी पार कर आय उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में खुशी दिखी।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार राजस्व विभाग का इतना बड़ा अधिकारी हमारे गांव आया है।















