
मंगलवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा। सरकार 1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर 30 प्रतिशत टैक्स प्लस सैस और सरचार्ज लेगी। इस घोषणा के बाद आज रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने जानकारी दी है कि अगले साल आयकर रिटर्न फोरम में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ और करों का भुगतान करने के लिए एक अलग कॉलम होगा।
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने क्रिप्टोकरेंसी पर क्या कहा?
एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% से अधिक लागू उपकर और 15% के सरचार्ज का भुगतान क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर करना होगा।’
उन्होंने आगे कहा कि अगले साल से आयकर रिटर्न फॉर्म में क्रिप्टो से लाभ घोषित करने के लिए एक अलग कॉलम होगा। उन्होंने कहा कि “अगले साल आईटीआर फॉर्म क्रिप्टो के लिए एक अलग कॉलम दिखाएगा। हां, आपको बताना पड़ेगा क्रिप्टो से जुड़ी आय।”
रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने कहा कि ‘क्रिप्टोकरेंसी से लाभ हमेशा टैक्स के योग्य होता है और बजट में जो प्रस्तावित किया गया है वह कुछ नया नहीं, बल्कि इस मुद्दे पर निश्चितता प्रदान करता है।’
डिजिटल संपत्ति पर लगेगा टैक्स
रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने आगे कहा, “वित्त विधेयक में जो प्रावधान है वो डिजिटल संपत्ति पर लगने वाला टैक्स है। ये टैक्स क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स के दायरे में लाने के लिए है। ये इसकी कानूनी वैधता पर के बारे में नहीं है जो बिल (ऐसी संपत्ति को विनियमित करने पर) में पेश किए जाने के बाद सामने आएगा।
सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए कानून पर काम कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ड्राफ्ट सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है। इस बीच, एक सेंट्रल बैंक समर्थित डिजिटल करेंसी अगले वित्त वर्ष से डिजिटल करेंसी लेकर आने वाली है।