ये है सीएम योगी आदित्यनाथ के 4 साल का रिपोर्ट कार्ड, जानिए कितना झूठ और कितना सच

4 साल 10 महीने और 14 दिन बाद योगी आदित्यनाथ अपना रिपोर्ट देने आए। इसमें कुल 1782 दिन होते हैं। इसकी रिपोर्ट उन्होंने 77 मिनट 50 सेकेंड ‌में बिना रुके पढ़ीं। उन्होंने कुल 6 विषयों में 87 पॉइंट्स में उपलब्‍धियां गिनाईं। हमने बारी-बारी से उनके सभी दावों का एनालिसिस किया जिनका वास्ता सूबे की बड़ी आबादी से है। इसमें तीन तरह की बातें निकलीं।

पहली: CM योगी के वो 7 दावे, जिनको उनकी सरकार या किसी प्र‌तिष्ठित संस्‍थान के आंकड़े झुठलाते हैं।

दूसरी: ऐसे 3 दावे, जिससे वाकई बड़ी आबादी को फायदा हुआ है।

तीसरी: वो दो बातें जो UP की बड़ी आबादी से जुड़ी हैं, लेकिन एक लाइन में समाप्त करके आगे बढ़ गए। आइए बारी-बारी से चलते हैं…

1: दावा बेरोजगारी दर 15% कम करने का, लेकिन असल में .6% बढ़ी है योगी का दावा: देश की प्रतिष्ठित संस्था CMIE ने जब उत्तर प्रदेश के अनएम्प्लॉयमेंट रेट की तुलना की तो 2016-17 में जो 18% था आज वो 3% है।’

दावे की सच्चाई: मार्च 2017 में जब योगी सरकार सत्ता में आई तब बेरोजगारी दर 2.4% थी। ये आंकड़ा CMIE ने ही 2017 में जारी किया था। जनवरी 2022 में 3% है। मतलब योगी के सत्ता में आने के बाद और अब में 0.6% बेरोजगारी दर बढ़ी है

2: दावा एक भी दंगा न होने का, NCRB का आंकड़े, 34 दंगे हुए
योगी का दावा:
 बहुजन समाजवादी पार्टी की सरकार के समय 364 दंगे प्रदेश के अंदर 5 वर्ष के दौरान हुए थे। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय 2012 से 2017 के बीच बड़े बड़े दंगे 700 से अधिक हुए। सैकड़ों लोग मारे गए। प्रदेश के अंदर 2017 से अब तक कोई भी दंगा नहीं, कोई आतंकी घटना नहीं’।

दावे की सच्चाई: 11 दिसंबर 2018 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बताया, “साल 2017 में दंगों के मामले में UP टॉप पर है। 2014-16 के बाद राज्य में इस तरह के सबसे ज्यादा मामले सामने आए।

NCRB के आंकड़ों में 2017 में 34 सांप्रदायिक दंगे हुए और बलवों को मिलाकर 8,990 घटनाएं हुईं। साल 2019 में दंगे और बलवे शामिल करके 5,714 घटनाएं हुईं। साल 2018 में दंगे और बलवे शामिल करके 8,908 घटनाएं हुईं।

3: दावा हर ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय बनवाने का, लेकिन 10 हजार ग्राम पंचायतों में शुरू ही नहीं हुए
योगी का दावाः
 उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है।

दावे की सच्चाई: 19 अक्टूबर को योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा कन्वर्जेंस के अंतर्गत 18,847 सामुदायिक शौचालयों का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया। इसके बाद निर्माण भी शुरू हुए। UP में कुल 59,002 ग्राम पंचायत के अंतर्गत 97,941 गांव है।

पंचायती निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार 25 सितंबर 2021 तक 52,811 सामुदायिक शौचालय बन चुके हैं। 48,565 महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उसका रखरखाव कर रही है। करीब 7 हजार ग्राम पंचायतों में निर्माण नहीं हुए हैं। करीब 10,000 ग्राम पंचायतों में खराबी के कारण यह शुरू नहीं हो सके हैं।

4: दावा पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का, लेकिन खुद ही कुछ और बताया था
योगी का दावाः 
पांच सालों में सरकार ने 5 लाख नौजवानों को रोजगार दिया है। वो भी तब जब दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी, आर्थ‌िक स्थिति खराब थी।

दावे की सच्चाई: योगी आदित्यनाथ अलग-अलग समय पर अलग-अलग वादे करती रही है। 24 जुलाई 2021 को यूपी सरकार ने बताया कि पिछले साढ़े चार साल में 6.65 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी। फिर 17 सितंबर 2020 को PM मोदी के जन्मदिन पर UP सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट जारी करते हुए 2 लाख 94 हजार 80 नौकरी देने का दावा किया।

उस वक्त 85,629 भर्ती पेंडिंग थी। अगले छह महीने में भर्ती हुई। अप्रैल 2021 तक ये संख्या 3,79 लाख पहुंच गई। इसके बाद एक लाख नौकरी देने का वादा किया गया, लेकिन कोई भर्ती पूरी नहीं हुई।

5: दावा दो करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस देने का, दिया 1.67 करोड़ को ही
योगी का दावा: 
उत्तर प्रदेश में पिछले पांच साल के अंदर 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए।

दावे की सच्चाई : मुफ्त गैस कनेक्शन व गैस सिलेंडर की यह योजना प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के नाम से है। इसे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय संचालित करती है। इसके लिए केंद्र सरकार बजट जारी करती है। UP में उज्जवला योजना 1.0 के तहत 1.47 करोड़ लोगों को LPG गैस कनेक्शन दिया गया।

25 अगस्त 2021 को उज्जवला योजना 2.0 की शुरुआत हुई। इसके तहत योगी सरकार का टारगेट 20 लाख लोगों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का टारगेट रखा। यानी कुल 1.67 करोड़ लोगों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिया गया।

6ः दावा डेढ़ लाख स्मार्ट स्कूल बनाने का, 68 से ज्यादा स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठते हैं योगी का दावा: बेसिक शिक्षा परिषद के 1.40 लाख से अधिक विद्यालयों को स्मार्ट बनाया है। वहां बैठने के लिए डेस्क-बेंच, अलग टॉयलेट, पानी पीने की व्यवस्था की गई है।

दावे की सच्चाई : UP में प्राइमरी और अपर प्राइमरी मिलाकर कुल 1,58,839 स्कूल हैं। चार साल पहले UP के 68,603 स्कूलों में छात्र जमीन पर बैठते थे। स्थिति सुधरी लेकिन अभी भी 40 हजार स्कूलों में छात्र जमीन पर बैठते हैं।

करीब 20 हजार स्कूलों में अलग टॉयलेट नहीं है। इतने ही स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं है। 2 मार्च 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया कि UP में 2 लाख 17 हजार से अधिक पद खाली हैं।

यह पूरे देश में बिहार के 2 लाख 75 हजार के बाद दूसरे स्थान पर है। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली रखने पर स्कूलों को स्मार्ट बना पाना संभव नजर नहीं आता।

7: दावा 86 लाख किसानों की कर्जमाफी का, हुआ सिर्फ 45 लाख का
योगी का दावा: 2017 में जब हमारी सरकार आई तो हमने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 86 लाख किसानों का 36,000 करोड़ का कर्ज माफ किया।’

दावे की सच्चाई : साल 2021 में सूचना के अधिकार के तहत RTI एक्टिविस्ट राहुल कुमार ने यूपी कर्जमाफी की जानकारी मांगी थी। सवाल था बीते चार वर्षों में UP में कितने की कर्ज माफ किया गया।

इसपर लिखित जवाब आया कि 2017 से वर्ष 2020 तक यूपी में 45 लाख 24 हजार 144 किसानों का कर्ज माफ हुआ है। रिपोर्ट कार्ड में बताया गया 86 लाख का आंकड़ा इस संख्या का दोगुना है।

सरकार की 3 उपलब्धियां, जो वाकई जनता के लिए मददगार बनीं
1. पीएम स्वामित्व योजना :
 ऐसे परिवार जो गांव में लंबे समय से घर बनाकर रह रहे थे लेकिन उनकी जमीन का कागज नहीं था। सरकार ने उनकी जमीन-मकान उनके नाम करने का काम किया। UP के 15,940 गांवों के 23.47 लाख लोगों को उनके घर का कागज मिला। यह घरौनी परिवार की महिला सदस्य के नाम है।

2. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना : इस योजना के तहत पहले नव विवाहित जोड़े को 35,000 रुपए मिलते थे योगी सरकार ने इसे 51,000 रुपए कर दिया।

3. सौभाग्य योजना: हर घर बिजली पहुंचाने के लिए यह योजना काफी मददगार साबित हुई। 1.43 करोड़ घरों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन से जोड़ा गया। यही कारण है कि इस चुनाव में हर घर बिजली पहुंचाने का मुद्दा पीछे छूट गया है। सस्ती और मुफ्त बिजली का मुद्दा हावी हो गया।

इन 2 चीजों को कभी बताया था उपलब्धि, आखिरी रिपोर्ट कार्ड में चर्चा तक नहीं
1. एंटी रोमियो स्क्वॉड: 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले एंटी रोमियो स्क्वॉड का जोरदार प्रचार हुआ। सरकार बनी तो हर जिले में गठन हो गया। एक महीने भी नहीं बीते और खबर आने लगी कि पार्कों में आपसी सहमति से बैठे जोड़ों का उत्पीड़न किया जा रहा है।

इस वक्त इस स्क्वॉड का हाल जानने के लिए एक RTI डाली गई तो पता चला 22 मार्च से 30 नवंबर के बीच कुल 14,454 गिरफ्तारियां हुई। औसत निकाले तो 11 गिरफ्तारी हर दिन। UP की आबादी और क्षेत्रफल के आधार पर देखे तो संख्या बेहद कम है। यही कारण है कि CM योगी ने एंटी रोमियो का जिक्र महज एक लाइन में करके समाप्त कर दिया।

2. एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स: CM योगी अपने 77 मिनट के संबोधन में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स को भी एक लाइन में समेटकर आगे बढ़ गए। सरकार ने पूरे पांच साल में 2,046 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपत्तियों को जब्त किया या फिर उसे ध्वस्त कर दिया। रैलियों में CM योगी बुलडोजर पर जोर देते हैं पर प्रेस कॉन्फ्रेंस वह आगे बढ़ गए।

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