
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। जो इस बार 5 फरवरी को पड़ रही है। ये पर्व देशभर में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन होने लगता है। इस पर्व को कहीं वसंत पंचमी तो कहीं ज्ञान पंचमी तो वहीं श्री पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। इस दिन विद्यालयों में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापना करके उनकी पूजा- अर्चना की जाती है। जानिए कैसे मनाया जाता है ये त्योहार और क्या है इसकी पूजा विधि और मुहूर्त।

बसंत पंचमी के दिन कैसे करें सरस्वती पूजा:
-इस दिन जल्दी उठ जाएं और पूरे घर की साफ सफाई कर लें।
-इसके बाद स्नान कर पूजा की तैयारी कर लें।
-इस दिन स्नान करने से पहले नीम और हल्दी का लेप अपनी शरीर पर लगा लें।
-नहाने के बाद पीले या सफेद रंग के कपड़े पहनें।
-मां सरस्वती की मूर्ति किसी पटरी पर पीला कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
-सरस्वती माता की मूर्ति के पास में गणेश जी की भी प्रतिमा स्थानपित करें।
-पूजा वाली जगह पर पुस्तक, कोई वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज अवश्य रखें।
-कुमकुम, हल्दी, चावल, फल और फूलों से भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करें और
उनका आशीर्वाद आपके जीवन पर सदैव बना रहने की कामना करें।
-सरस्वती माता के मंत्र पढ़ें और उनकी आरती उतारें।
-सरस्वती माता को इस दिन पीले रंग के फूल और पीले रंग की मिठाई जरूर अर्पित करें।
इस महत्वपूर्ण मंत्र का जाप अवश्य करें:
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
बसंत पंचमी का मुहूर्त: बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग के बीच की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 7 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति 12 बजकर 35 मिनट पर होगी। पंचमी तिथि की शुरुआत 5 फरवरी को 03:47 AM से हो रही है और समाप्ति 6 फरवरी तो 3:46 AM पर।
बसंत पंचमी का महत्व: इस दिन लोग आलस्य और अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए मां सरस्वती की पूजा करते हैं। कई लोग आज के दिन ही शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाते हैं। वसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। सभी विद्यालयों में आज के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। ये दिन सभी शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसी कारण से वसन्त पञ्चमी का दिन अबूझ मुहूर्त के नाम से प्रसिद्ध है। नए काम की शुरुआत के लिए भी ये दिन शुभ माना जाता है।