लखनऊ : यूपी के जेलों में जो इस समय हो रहा है मामला संज्ञान में आने पर जिला प्रशासन के भी होश उड़ गए. सरकार का कोई भी फरमान अपराधियों के लिए बेअसर हो रहा है. खबरों के अनुसार यूपी के जेल की हालात किस स्तर तक बदतर हैं, इसका एक और नमूना सामने आया है। बताते चले रायबरेली जेल से चौंकाने वाले दृश्य सामने आए हैं, जिसमें दिख रहा है कि कैसे अपराधियों के लिए जेल घर बन गई है। जेल में अपराधी अंशु दीक्षित और उसके गिरोह के सदस्य खुले तौर पर शराब ले रहे हैं और जेल परिसर के अंदर मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि विचाराधीन कैदी आराम से फोन पर बात कर रहे हैं और जेल में सुविधाओं के लिए जेलर को पैसा देने की बात कर रहे हैं। वीडियो में बंदूक की गोलियां भी दिख रही हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
ये वीडियो बैरक नंबर 10 में शूट किया गया और इसमें 6-7 लोग दिखाई दे रहे हैं। फोन पर बात करते हुए वो किसी को नकद, शराब और भोजन की व्यवस्था करने के लिए कहते हैं। पान मसाला, सिगरेट, स्नैक्स और शराब पहले से ही वीडियो शॉट में दिखाई दे रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद रायबरेली डीएम ने जेल में छापा मारा, लेकिन सिगरेट लाइटर छोड़कर वीडियो में देखी गई कोई भी प्रतिबंधित वस्तु नहीं मिली। बाद में उन्होंने कहा कि जेल परिसर बहुत बड़ा है, इसलिए ऐसी गतिविधियों पर जांच रखना मुश्किल है।
जेल प्रशासन ने जांच शुरू की है और वीडियो में देखे गए लोगों में से 4 को दूसरी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। रायबरेली के डीएम, संजय कुमार खत्री ने कहा, ‘इतनी बड़ी जेल है कि बिना मुखबिरी के चेकिंग करना मुश्किल होता है। हमारी कोशिश रहती है कि अच्छे से चेकिंग की जाए, हमने आज भी वही किया है।’
वहीं यूपी सरकार ने कार्रवाई करते हुए जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, 1 हेड वार्डर और 2 वार्डन सहित 6 जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया और उनकी जटिलता के लिए विभागीय जांच शुरू की।
25 शातिर अपराधी जेल में है बंद
जिला कारागार में बंदियों को रखने की क्षमता 396 है। मौजूदा समय में करीब 1100 बंदी बंद हैं। इसमें से 25 शातिर अपराधी हैं, जो बाहरी जनपदों की जेल से यहां स्थानांतरण कर भेजे गए हैं। कहा जा रहा है कि बाहर से यहां आए अपराधियों का नेटवर्क बड़े अपराधियों से है। यही वजह है कि जेल के अफसर भी उन पर हाथ डालने से कतरा रहे हैं। वीडियो वायरल में पांच अपराधी दिख रहे हैं। इसमें से चार अपराधियों के खिलाफ सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। कहा जा रहा है कि जिस अपराधी का नाम एफआईआर में नहीं डाला गया है, उसका संबंध सूबे के एक माफिया डान से है। यही वजह है कि उसका भी स्थानांतरण कर दिया गया है, लेकिन उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं पड़ी।
जेल में चखना और शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने की जानकारी पर बंदी निखिल सोनकर को सुल्तानपुर, अजीत को बाराबंकी, दलसिंगार सिंह को फतेहपुर और अंशू का प्रतापगढ़ जिला कारागार स्थानांतरण कर दिया गया है। साथ ही प्रकरण की पहले ही एफआईआर सदर कोतवाली में लिखाई जा चुकी है। कुछ लोगों ने जेल का माहौल खराब करने के लिए वीडियो बनवाया है। जांच कराई जा रही है।
प्रमोद शुक्ला, जेल अधीक्षक
जिला कारागार रायबरेली के अंदर अपराधियों की ओर से असलहों के बीच शराब पार्टी करने वीडियो वायरल होने का मामला संज्ञान में आया है। प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी जेल अफसर और कर्मचारी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
उमेश श्रीवास्तव, डीआईजी जेल, लखनऊ परिक्षेत्र
वीडियो वायरल होने के बाद डीएम-एसपी का जेल में छापा
जेल में अपराधियों के शराब पार्टी किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद रविवार देर शाम डीएम संजय कुमार खत्री और एसपी सुजाता सिंह ने जेल में छापा मारा। अचानक छापेमारी से जेल अफसरों में हड़कंप मच गया। डीएम-एसपी की मौजूदगी में सभी बैरकों और उसमें बंद बंदियों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान लाइटर समेत अन्य सामग्री मिली। डीएम-एसपी ने जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ला, जेलर जीआर वर्मा समेत अन्य अफसरों व कर्मचारियों से वीडियो वायरल के बारे में पूछताछ की। एसपी ने बताया कि वीडियो वायरल के साथ-साथ जेल में कई शिकायतें मिल रही थी। इसलिए जेल का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली है, जिसकी जांच कराई जा रही है।