तरल यूरिया इफको से देश एवम किसान दोनों होंगे लाभान्वित होंगे : एआर बिपिन कुमार सिंह

डीएपी तरल पर शोध कार्य चल रहा, जुलाई तक मार्केट में आने की संभावना

जिले की विभिन्न समितियो पर किसान सभा का आयोजन कर किसानो को दी जा रही जानकारी

मिर्जापुर। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) की ओर से जिले के कैलहट, सोनपुर, अहरौरा आदि समितियो पर किसान सभा का आयोजन किया गया। सभा के माध्यम से किसानों को इफको द्वारा आत्मनिर्भर भारत एवम स्वदेशी उत्पाद इफको तरल यूरिया के प्रभावी उपयोग पर विस्तार से जानकारी दी गई। सभी समितियों पर समिति के पदाधिकारियों के अतिरिक्त किसान सभाओं मे कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए 60 से 65 किसानों ने प्रतिभाग किया।इफको के वरिष्ठ प्रबन्धक डॉ जी पी तिवारी ने बताया कि इफको द्वारा तरल यूरिया का विश्व मे प्रथम बार उत्पादन एवम् मार्केटिंग की जा रही है जिसका शत प्रतिशत लाभ फसलें ले पाती हैं, जबकि अब तक प्रचलित यूरिया की मात्र 30% अधिकतम फसलें लाभ ले पाती हैं। उन्होंने किसानों को बताया कि इसके उपयोग से देश की सरकार को लगभग 65000 करोड़ अनुदान भी देना पड़ता है, जबकि तरल यूरिया प्रयोग से सरकार को कोई अतिरिक्त अनुदान भी नहीं देना है। तरल यूरिया मृदा,वायु, जल को भी प्रदूषण से मुक्त रखती है। वहीं दानेदार यूरिया से हर तरह का प्रदूषण भी होता है।तरल यूरिया की लागत भी ₹ 240 है, जो कि 500 मिली में उपलब्ध है जबकि दानेदार यूरिया महंगी है।इस संदर्भ में सहायक आयुक्त सहकारिता बिपिन कुमार सिंह ने बताया कि तरल यूरिया इफको से देश एवम किसान दोनों लाभान्वित होंगे। जिले में लगभग 30 हजार बोतल तरल इफको यूरिया उपलब्ध हो चुकी है और किसान बढ़चढ़ कर इसका उपयोग कर रहे है। जिले की तमाम समितियो ने 700 -800 बोतल बिक्री भी कर ली गयी.है। इसकी 1 बोतल 1 बिक्री यूरिया के बराबर है। इसका परिवहन व्यय भी न के बराबर है और इससे उत्पादन भी 5-6 प्रतिशत अधिक होगा। श्री सिंह ने बताया कि इफको द्वारा डीएपी तरल पर शोध कार्य चल रहा है, जो कि जुलाई तक मार्केट में आ जायेगी।किसानों में हर तरह के फायदे देखकर उत्साह है। आने वाले दिनों में इफको के इस उत्पादो से लागत भी कम होगी और उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा।

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