उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: माफिया मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़ने को लेकर स्थिति लगभग साफ हो गयी है। माफिया एक बार फिर मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगा। बस फर्क इतना है कि इस बार वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का उम्मीदवार होंगे। कारण कि सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश द्वारा माफिया को टिकट देने के बयान के बाद मुख्तार के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए न्यायालय में नामांकन पत्र लिए सहमति पत्र दाखिल कर दिया है। मऊ सीट से मुख्तार का यह छठा चुनाव होगा।
बता दें कि दो दिन पूर्व सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार अंसारी का समर्थन करने की बात कही थी। तभी से पूर्वांचल में मुख्तार के सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गयी थी। मुख्तार इस सीट से पांच बार विधायक चुने गए हैं और जेल में रहते हुए भी चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में यह तय है कि मुख्तार के चुनाव लड़ने पर विरोधियों की राह आसान नहीं होने वाली है। ओमप्रकाश के बनाय के बाद मुख्तार के समर्थक चुनाव तैयारियों को तेज कर दिये हैं।
वहीं बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी अधिवक्ता दरोगा सिंह ने मंगलवार को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में मुख्तार को सुभासपा का प्रत्याशी बताते हुए अर्जी दी है। अर्जी में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी से उनके अधिवक्ता, प्रस्तावकों, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों की मुलाकात की अनुमति देने की मांग की गई है। अब मुख्तार के समर्थकों की नजर कोर्ट पर टिकी है। कारण कि अदालत का फैसला ही तय करेगा कि मुख्तार जेल से चुनाव लड़ेंगे भी या नहीं।
मुख्तार के राजनीतिक कैरियर पर ध्यान दे तो मुख्तार अंसारी 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद 2002 व 2007 में निर्दलीय चुनाव जीते। 2012 में कौमी एकता दल से फिर विधायक निर्वाचित हुए। 2017 में मुख्तार को फिर से बसपा ने प्रत्याशी बनाया और विधायक बने। इस बार किस दल से चुनाव लड़ेंगे इसको लेकर कई दिनों से सियासी बाजार गर्म था। अब स्थिति लगभग साफ हो गयी है कि मुख्तार सपा-सुभासपा गठबंधन में सुभासपा के टिकट पर मैदान में उतरेंगे।