10 साल बाद जेल से बाहर आये अजय चौटाला, इस वजह से हुई थी सजा

 जेबीटी भर्ती घोटाले में सजा काट रहे पूर्व सांसद अजय चौटाला की सजा पूरी हो गई है. इस संबंध में तिहाड़ जेल में कागजी कार्रवाई करने के बाद अजय चौटाला दिल्ली निवास पर पहुंचे है. बता दें कि जेबीटी भर्ती घोटाले में साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला समेत 53 अन्य आरोपियों को दिल्ली की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी. गुरुवार को इस मामले में अजय चौटाला की सजा पूरी हो चुकी है.

क्या था मामला? 

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. चार्जशीट के मुताबिक 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

जेबीटी भर्ती घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था. मामले के मुताबिक परीक्षा के बाद योग्य उम्मीदवारों की जो सूची बनी उनमें संजीव कुमार के उम्मीदवार भी थे. जब नतीजे घोषित करने की बारी आई तो अजय चौटाला व शेर सिंह बडशामी ने कुमार को धमकाते हुए उनके उम्मीदवारों के नाम सूची से काटकर नई सूची बनवाई और नतीजे घोषित करने को कहा. यहीं से घोटाले का खुलासा होना शुरू हो गया.

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