कृष्ण रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुन श्रोता भाव विभोर हुए

दुबौलिया /बस्ती। ब्लाक क्षेत्र के सांडपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में  कथा वाचक अरूण महराज ने श्रीमद्भागवत कथा के आठवे दिन कृष्ण और रूक्मिणी विवाह के प्रसंग का वर्णन किया। कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मी से युद्ध जीत लिया और विदर्भ राजकुमारी रूक्मणी  को द्वारिका में लाकर पाणिग्रहण किया। उस समय द्वारिकापुरी के घर-घर में उत्सव मनाया जा रहा था। वहां के सभी लोगों का यदुपति श्रीकृष्ण के प्रति बहुत अनन्य प्रेम था। सभी नर-नारी मणियों के चमकीले कुंडल धारण किए थे।

उन्होंने आनंद से भरकर चित्र-विचित्र वस्त्र पहने दूल्हा और दुलहन को अनेकों भेंट की सामग्रियां उपहार दीं। उस समय द्वारिका की अपूर्व शोभा हो रही थी। द्वार-द्वार पर दूब, खील आदि मंगल की वस्तुएं सजाई गई थी। भगवती लक्ष्मीजी को रुक्मिणी के रूप में साक्षात लक्ष्मीपति भगवान श्रीकृष्ण के साथ देखकर द्वारिकावासी नर-नारियों को परम आनंद हुआ। देर रात तक श्रद्धालु कथा का आनंद उठाते रहे। इस अवसर पर अनिल कुमार सिंह, राजेश सिंह, राधेश्याम सिंह सौरभ सिंह,वेदनाथ सिंह, राम सिंह,डेविड मौजूद रहे।

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