डेढ़ माह बाद फिर खुले स्कूल तो चहकते हुए स्कूल पहुंचे बच्चे

कोरोना की तीसरी लहर के चलते बंद थे स्कूल-कालेज

शासन के निर्देश पर अभिभावकों ने जताई खुशी

भास्कर न्यूज

बांदा। लगभग डेढ़ माह बाद एक बार फिर स्कूल खुले। चुनावी माहौल में कोरोना की तीसरी लहर के अलर्ट के बाद सरकार ने परिषदीय स्कूलों को बंद करा दिया था। बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने यह कदम उठाया था। डेढ़ माह बाद पूरे जनपद में एक बार फिर स्कूल खुले तो बच्चे चहकते हुए स्कूल पहुंचे।

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के चलते विद्यालय लगभग डेढ़ माह से बंद पड़े थे। जिसमें बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा विद्यालय के अध्यापकों के द्वारा चलाई जा रही थी। लेकिन बच्चों एवं अभिभावकों के पास एंड्रॉयड फोन एवं आर्थिक समस्या के चलते ऑनलाइन शिक्षण का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो पा रहा था। जिसको लेकर सभी अभिभावकों में मायूसी नजर आ रही थी। अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर परेशान अभिभावकों में शासन के विद्यालय खुलने के आदेश से खुशी की लहर दौड़ पडीं। शासनादेश के अनुसार 14 फरवरी से विद्यालय संचालन होना है। सोमवार को डेढ़ महीने बाद जनपद के सभी स्कूल-कालेज पूरी तरह से खुल गए। ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाते हुए काफी खुश नजर आए। विद्यालयों में बच्चों के स्वागत की तैयारियां अपने अपने ढंग से प्रधानाध्यापको द्वारा की गई। स्कूल पहुंचे बच्चों का शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्वागत करके उन्हें उत्साहित किया गया। अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की और ऐसे ही विद्यालय का सहयोग करने की बात अभिभावकों द्वारा कही गई। शासन के निर्देश पर सभी विद्यालयों में कोरोना संबंधी दिशा निर्देशों का भी विद्यालयों में पूरी तरह से पालन किया गया। बच्चे मास्क लगाकर विद्यालय पहुंचे थे तो क्लास रूम में उन्हें सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए बैठाया गया। बच्चे अपने दोस्तों से मिल कर उत्साहित नजर आए। हालांकि शासन के निर्देश के बाद एक दिन पहले से ही विद्यालयों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी तथा क्लासरूम सहित पूरे विद्यालय परिसर में साफ सफाई की गई थी। साथ भी क्लासरूम को सैनिटाइज किया गया था। बीएसए रामपाल सिंह ने निर्देश दिए हैं कि काफी दिन बाद विद्यालय खुल रहे हैं ऐसे में शिक्षक अपने दायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करते हुए बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित कराएं। ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाया जा सके।

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