गर्मी के मौसम की दस्तक होते ही आगरा में जूता फैक्ट्रियों में आग लगने की घटनाएं सामने आनी शुरू हो गई हैं। शनिवार सुबह आगरा के रकाबगंज अंतर्गत चक्की पाट क्षेत्र में तीन मंजिला इमारत के द्वितीय तल पर चल रही जूते की फैक्ट्री में आग लग गई। दमकल की तीन गाड़ियों ने दो घंटे से अधिक की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिलहाल आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है। फैक्ट्री संचालक के अनुसार लाखों का नुकसान हुआ है।
बता दें कि आगरा में कुल आबादी के साथ 60 प्रतिशत के करीब लोग जूता उद्योग से जुड़े हैं। यहां घनी आबादी के क्षेत्रों में जूता बनाने की फैक्ट्रियां खुली हैं। शनिवार को रिहाइशी इलाके रकाबगंज के चक्की पाट में धर्मेंद्र सोनी निवासी नामनेर की जूता फैक्ट्री है। उनकी फैक्ट्री में करीब 12 कारीगर काम करते हैं। सुबह दस बजे के लगभग फैक्ट्री में अचानक अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग लगते ही कर्मचारी बाहर भागे और दूसरे घरों की छतों से पानी डाल कर आग बुझाने का काम शुरू किया। फैक्ट्री के अंदर भारी तादाद में जूता बनाने का केमिकल और चमड़ा और प्लास्टिक के शोल रखे थे। ज्वलनशील सामान में तत्काल आग फैल गई। सूचना पर रकाबगंज थाने की फोर्स और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
दो दिन में दूसरी बड़ी घटना
जूता फैक्ट्री में आग लगने की यह दूसरी घटना है। शुक्रवार को जीवनी मंडी के चंदा पान वाली गली में 5 मंजिला इमारत में लवकुश की आरके इंटरप्राइजेस नामक फैक्ट्री में आग लगी थी और शनिवार को चक्की पाट में आग की घटना सामने आई है।
शार्ट सर्किट या बीड़ी बनती है आग की वजह
बता दें की गर्मी के मौसम में कारीगरों द्वारा बीड़ी पीने और शार्ट सर्किट ही आग की वजह बनता है। गर्मी के कारण चमड़े और केमिकल में आग बहुत तेज बढ़ती है। गर्मी के कारण सूखे सामान में आग बहुत तेज कहर बरपाती है। ज्यादातर फैक्ट्रियों में आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और बिना एनओसी के फैक्ट्रियां संचालित हैं। एसपी सिटी कुमार के अनुसार एनओसी की जांच की जा रही है ,विधिक कार्रवाई की जायेगी।