IIT BHU में शुरू होने जा रहा है अनुसंधान उत्कृष्टता फेलोशिप (रिसर्च एक्सलेन्स फेलोशिप)। इसके लिए 1994 बैच के पूर्व छात्रों ने 1.33 करोड़ रुपये की सहायता राशि संस्थान को दान दी है। यह फेलोशिप इंजीनियरिंग संकाय सदस्यों को चयनित क्षेत्र में अनुसंधान करने की पहचान करने और प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया है। इसके लिए हुए एमओयू पर अमेरिका स्थित पूर्व छात्र मनु श्रीवास्तव और श्रीकांत कोम्मू (आईआईटी (बीएचयू) के 1994 बैच के पूर्व छात्रों के प्रतिनिधि) और संस्थान के अधिष्ठाता (संसाधन एवं पूर्व छात्र) आचार्य राजीव श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किए। यह फेलोशिप अनुसंधान क्षेत्र के अलावा स्थायी आधार पर जारी रहेगी ।
आईआईटी (बीएचयू)-1994 अनुसंधान उत्कृष्टता फेलोशिप, संस्थान के तीन विभागों के एक-एक संकाय सदस्य को प्रदान की जाएगी। ये तीन विभाग हैं, रासायनिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मेटलर्जीकल इंजीनियरिंग विभाग। फेलोशिप प्रदान करने के लिए पहचाने गए अनुसंधान और विशेषज्ञता के क्षेत्र होंगे, रासायनिक इंजीनियरिंग में अक्षय ऊर्जा और स्थिरता विज्ञान, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विनिर्माण, डिजाइन, थर्मल और फ्लूइड इंजीनियरिंग और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में कम्प्यूटेशनल सामग्री इंजीनियरिंग, सस्टेनेबल मैटेरियल्स, कोरोजन फैटीग और गर्म कोरोजन फैटीग व फ्रैक्चर, फेरस प्रोसेस मेटलर्जी।
रिसर्च एक्सलेन्स फेलोशिप चयन समिति द्वारा चयनित संस्थान के सेवारत नियमित इंजीनियरिंग संकाय सदस्यों के लिए है। प्रस्तावित फेलोशिप दो साल की अवधि के लिए दी जाएगी। हालांकि, प्रस्तावित फेलोशिप प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर पुनर्विचार किया जा सकता है। लेकिन किसी भी मामले में, ये फेलोशिप एक संकाय सदस्य के लिए चार साल से अधिक समय के लिए या तो निरंतरता में या आंशिक रूप से उपलब्ध होगी। चुने गए संकाय सदस्य नए से लेकर वरिष्ठतम सदस्य तक हो सकते हैं। चयन समिति में पांच सदस्य हैं, आईआईटी (बीएचयू) -94 बैच के दो सदस्य ( मनु श्रीवास्तव और श्रीकांत कोम्मू, 1994 बैच अमेरिका स्थित पूर्व छात्र) और आईआईटी-बीएचयू के निदेशक द्वारा नामित तीन वरिष्ठ सदस्य।