रूसी राष्ट्रपति शायद अब इंसानियत के दुश्मन बन चुके हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि वो सिर्फ पड़ोसी मुल्क यूक्रेन को तबाह कर रहे हैं. तो ये सिर्फ अधूरा सच है. दरअसल, वो यूक्रेन के विरोध में इस कदर आ चुके हैं कि उन्हें अपने देश के मासूम बच्चे भी अब दुश्मन नजर आ रहे हैं.
बच्चों को पुलिस वैन में भी डाल दिया गया
ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रूस में मासूम बच्चों को ना सिर्फ हिरासत में लिया गया बल्कि उन्हें पुलिस की वैन में भी डालकर थाने ले आया गया. इन मासूमों की गलती सिर्फ इतनी थी कि ये मरती इंसानियत को थोड़ी सी दुआ देने के लिए रूस में स्थित यूक्रेनी दूतावास पहुंच गए थे.
इन मासूमों के हाथों में ना कोई हथियार था ना कोई गोला-बारूद. इंसानियत को जिंदा रखने के लिए बस कुछ खुशबू वाले फूल थे. ये फूलों को लेकर यूक्रेन में मारी जा रही इंसानियत को दुआ देने पहुंचे थे. इस बारे में जैसे ही पुलिस को भनक लगी तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और इन बच्चों को हिरासत में ले लिया.
पुतिन के विरोधी दल के नेता ने शेयर कीं तस्वीरें
पुलिस कस्टडी में बच्चों को लिए जाने की ये तस्वीरें रूस के विरोध दल के नेता ने सोशल मीडिया पर शेयर कीं हैं. इसमें बताया गया है कि रूस की राजधानी मॉस्कों में इन बच्चों को देश विरोध कदम उठाने के आरोप में हिरासत में लिया गया.
अब भला ये मासूम किसी किसी देश से सिर्फ प्यार ही सीख सकते हैं और दूसरों को सिखा सकते हैं. इन्हें क्या मतलब दो देशों की सरहदें क्या हैं और देश द्रोही क्या है.
फ्लैग बनाकर बच्ची ने लिखा था NO WAR
इन तस्वीरों में दिख रही एक बच्ची को इसलिए पुलिस हिरासत में लिया गया क्योंकि उसने एक पोस्टर बनाया था. हरे रंग की टोपी पहनी ये बच्ची ने उस पोस्टर पर लिखा था No War. यानी अब कोई युद्ध नहीं. इन दो शब्दों के चारों तरफ उस बच्ची ने रूस और यूक्रेन के झंडे बनाए थे.
ये सोचकर कि भले ही दो देश हैं लेकिन इंसान तो एक ही है. भले ही इस युद्ध में कोई एक ही जीतेगा लेकिन हारेगी तो सिर्फ इंसानियत ही. लेकिन फिर भी शायद रूस को इन बच्चें का कदम देशद्रोही नजर आया और फिर उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इस बारे में रूसी विरोधी दल के नेता इल्या यशिन ने लिखा है कि… सामान्य से कुछ भी अलग नहीं! ये पुतिन का रूस है, दोस्तों…तुम यहां रहते हो।”