भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर। भिटौरा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जगतपुर आदिल गाँव निवासी प्रेम सागर मिश्रा द्वारा सूचना के अधिकार कानून के तहत विकास खण्ड के जनसूचना अधिकारी से पिछले वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायत में कराये गये विकास कार्यों में ब्यय की गई धनराशि का ब्योरा मांगा था। जिसे ना देने पर सूचना आयोग ने ग्राम पंचायत के पँचायत सचिव को 25 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
सूचना आयोग ने जन सूचना अधिकार के तहत लगाया जुर्माना
मालूम हो कि भिटौरा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जगतपुर आदिल में पिछले कार्यकाल के दौरान पूर्व प्रधान व पँचायत सेक्रेटरी ने ग्राम निधि का जमकर बन्दरबांट किया था। जिन्होंने कई विकास योजनाओं को बगैर पूरा करवाए ही उन योजनाओं को कागजी आंकड़ों में पूरा कर योजनाओं के लिए प्रदत्त सरकारी धन का आपस मे बन्दरबांट कर लिया था। जिसकी लिखित शिकायत ग्राम पंचायत जगतपुर आदिल के निवासी प्रेम सागर मिश्रा ने जिले के उच्च स्तरीय अधिकारियों से भी की थी।
लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने आरोपित पँचायत सेक्रेटरी व ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर शिकायत की जांच कराया जाना भी मुनाशिब नहीं समझा। नतीजतन थक हार कर शिकायतकर्ता श्री मिश्रा ने आरटीआई सूचना का अधिकार कानून का सहारा लेते हुए विकास खण्ड मुख्यालय के जन सूचनाधिकारी समेत पँचायत सेक्रेटरी से कई बार पिछले वित्तीय वर्ष में कराये गये विकास कार्य व आय ब्यय का लिखित ब्योरा मांगा लेकिन उन्होंने अपीलकर्ता को ब्योरा नहीं दिया। जिस पर अपीलकर्ता ने आरोपितों के खिलाफ सूचना आयोग में वाद दायर करते हुए पँचायत सेक्रेटरी पर सूचना ना देने का आरोप लगाया।
जिसकी सुनवाई पिछली 28 फरवरी करते हुए सूचना आयोग ने आरोपित जन सूचनाधिकारी विकास खण्ड भिटौरा समेत ग्राम पंचायत जगतपुर आदिल के पँचायत सचिव को अपील कर्ता को सूचना ना देने पर 25 हजार के अर्थ दण्ड से दंडित करते हुए उक्त धनराशि अपील कर्ता प्रेम सागर को दिलाए जाने के लिए उच्चाधिकारियों जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे को निर्देशित किया। रकम की अदायगी ना कर पाने की दशा में आयोग ने निर्धारित रकम की भरपाई आरोपित पँचायत सेक्रेटरी के वेतन से करने के निर्देश भी दिये।