बांदा : घर लौटी खुशियां, यूक्रेन में फंसा छात्र सकुशल घर लौटा

परिजनों के छलक पड़े खुशी के आंसू

छात्र बोला-यूक्रेन के हालात ठीक नहीं

भास्कर न्यूज

अतर्रा/नरैनी। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में फंसे भारतीयों को आपरेशन गंगा के तहत भारत लाया जा रहा है। युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे एक मेडिकल छात्र सकुशल घर लौटने खुशियां लौट आईं। पुत्र को देखकर माता-पिता समेत अन्य परिजनों की आंखों से खुशी से आंसू छलक पड़े। नगर पंचायत अध्यक्ष समेत अन्य लोगों ने छात्र का फूल-मालाओं से स्वागत किया। यूक्रेन से लौटे छात्र ने कहा कि यूक्रेन के हालात अच्छे नहीं हैं। रूस की सेना लगातार गोलीबारी और बमबारी कर रही है।

यूक्रेन व रूस के बीच जारी युद्ध मे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य केंद्रीय सरकार द्वारा किया जा रहा हैं। यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया कस्बे का छात्र आशीष गुप्ता गुरुवार को जब वापस सुरक्षित घर आया तो घर वालो की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। चार दिन युद्ध में फंसे होने के बाद घर पहुंचे छात्र को गले लगा लिया। आसपास के लोगों ने उसका स्वागत किया। पुत्र को गले लगाते ही माता-पिता के आंसू खुशी से छलक उठे। यूक्रेन से छात्र के सकुशल वापस लौटने की जानकारी मिलने पर नगर पंचायत अध्यक्ष ओममणि वर्मा तमाम लोगों के साथ छात्र के घर पहुंची और फूल-मालाओं से स्वागत किया। छात्र से मुलाकात करते हुए यूक्रेन के हालातों पर चर्चा की। छात्र आशीष के मुताबिक यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने को रूसी सैनिकों के हमले तेज हो गए हैं।

रूसी सेना द्वारा जारी हमलों से पूरे यूक्रेन में हर तरफ भय का माहौल है। बताया कि युद्ध शुरू होने पर सभी छात्र घबरा गए थे। लग रहा था कि अब यहां से निकल नहीं पाएंगे। हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्रों ने युद्ध होने के साथ ही एक माह का राशन एकत्र कर लिया था। उसके बाद हमारे सभी पैसे खर्च हो गए। भारत सरकार की मदद से हम निकलने में कामयाब रहे। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बहुत काम आया। आशीष के पिता नित्यानंद वर्तमान में भरतकूप में रहकर क्रेशर का कारोबार करते हैं। इस मौके पर कालीचरण वाजपेयी, किशन बाबू, मंजू देवी, राजेश गुप्ता, मोहन गुप्ता, राकेश मेजर सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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