विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने माना है कि सियासी रसूख के कारण डॉक्टर्स ने कई जगह जॉइन नहीं किया और डेपुटेशन के नाम पर फिर वहीं रुक गए, जबकि दूर-दराज के अस्पतालों में डॉक्टर्स ही नहीं है। बीजेपी विधायक संतोष के सवाल के जवाब में परसादीलाल मीणा ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के पद खाली हैं। यह चिंता का विषय है। कई जगह 40 डॉक्टर्स के पद हैं और 70 लगा रखे हैं, कई जगह 20 की जगह 40 लगा रखे हैं।
परसादीलाल मीणा ने कहा कि हमने एक्सेस डॉक्टर्स के वेतन पर रोक लगा दी है। यह नहीं चलेगा कि नौकरी करेंगे जयपुर में और वेतन लेंगे नाथद्वारा से, सीकर से या हनुमानगढ से। इस चीज को हमने प्रतिबंधित किया है। डॉक्टर्स की जहां पोस्टिंग है, वहीं काम करना होगा। वेतन भी तभी मिलेगा। डॉक्टर्स को वहां जॉइन करना ही होगा, नहीं तो नौकरी भी चली जाएगी। हम सख्ती से इसे लागू करेंगे।
कटारिया बोले- पहले भी प्रयोग हुए लेकिन दबाव के कारण फेल हो गए
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि डॉक्टर्स के डेपुटेशन खत्म करने के पहले भी इस तरह के कई प्रयोग हुए लेकिन दबाव के कारण फेल हो गए। मैं आपको बधाई दूंगा, आप इसका ढंग से पालन करवा दीजिए, राजस्थान की जनता आपको दुआएं देगी।
इधर, भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के साथ शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर बीजेपी ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। रीट मुद्दे पर बीजेपी ने राज्यपाल के अभिभाषण से लेकर उस पर बहस और सीएम के जवाब तक हंगामा किया था और विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था।
16 मार्च तक बहस के बाद अनुदान मांगों को पारित करवाया जाएगा। अनुदान मांगों पर बहस के दौरान जनता से जुड़े विभागों पर सरकार को फैक्ट्स के साथ घेरने की रणनीति बनाई गई है। बीजेपी विधायकों को तैयारी के साथ आने का टास्क दिया गया है। शिक्षा से जुड़ी गड़बड़ियों को उठाने पर फोकस रहना तय है, ऐसे में सदन में हंगामे के आसार भी बन रहे हैं।