Russia Ukraine war : यूक्रेन में युद्ध के बीच फंसे डॉक्टर बांदी गिरि कुमार को अपने पालतू ‘तेंदुए और ब्लैक पैंथर’ की सुरक्षा की चिंता ज्यादा है. डॉक्टर कुमार युद्धग्रस्त यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में एक इमारत के बेसमेंट हैं और उनके साथ वहां इतालवी कुत्ते भी हैं. उनका कहना है कि यह सिर्फ उनकी सुरक्षा और जीवित रहने का सवाल नहीं है बल्कि उनके ‘‘अनमोल तेंदुए और ब्लैक पैंथर” की सुरक्षा का भी सवाल है. आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के तनुकु निवासी कुमार ने डोनबास से पीटीआई-भाषा से कहा, “मेरे पास तब तक खुद को और मेरे पशुओं को बचाने के अलावा कोई चारा नहीं है जब तक ईश्वर की कृपा से कोई किरण नहीं दिखती. ईश्वर महान है.”
उन्होंने कहा, “ मैं सबको यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह मेरी सुरक्षा या बचे रहने या मुझे निकालने का सवाल नहीं है, बल्कि यह मेरे अनमोल पशुओं की सुरक्षा और उनके जीवन का भी प्रश्न है.”उनके पालतू तेंदुए का नाम ‘यगवार’ है और ब्लैक पैंथर का नाम ‘सबरीना’ है. उन्होंने कहा, “मैं उनके (पालतू पशुओं) साथ अपने बच्चों की तरह व्यवहार करता हूं और उन्हें तबसे पाला है जब वे बहुत छोटे थे और अकेले थे.” डॉक्टर कुमार ने बताया कि उन्होंने 2020 में बीमार ‘यगवार’ को एक चिड़ियाघर से लिया था जबकि ‘सबरीना’ कुछ महीने पहले ही उन्हें मिली है.
हड्डियों के डॉक्टर कुमार डोनबास में तेंदुए, ब्लैक पैंथर और इतावली कुत्तों के साथ रहते हैं. डोनबास यूक्रेन का वह इलाका है जहां भीषण लड़ाई चल रही है.कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इन पशुओं की देखभाल को लेकर न ही भारतीय और न ही यूक्रेन के अधिकारियों ने उनसे बात की है.उन्होंने कहा कि इन पशुओं का भारत में पुनर्वास करना एक मुश्किल काम है, क्योंकि इसके लिए कई जगह से मंजूरी लेनी होगी और अन्य व्यवस्थाएं करनी होंगी.फिलहाल उनके पास खाने-पीने का थोड़ा ही सामान बचा है.वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजय साई रेड्डी ने डॉक्टर और उनके पालतू पशुओं के बीच गहरे संबंध की सराहना की है.