
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बसों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की ओर से सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए पोस्ट को हटाने की दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मांग को खारिज कर दिया है. जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने कहा कि सरकार के कामों पर सवाल पूछना विपक्ष का काम है और ये संतुलन बनाने के लिए जरूरी है.
याचिका में कहा गया था कि विजेंद्र गुप्ता कैलाश गहलोत के खिलाफ आठ मार्च 2021 से ही लगातार गैरजिम्मेदाराना और झूठे आरोप लगा रहे हैं. वे सही सोचने वाले लोगों की आंखों में याचिकाकर्ता की छवि को खराब करने की मकसद से ये झूठे आरोप लगाए गए. याचिका में आरोप लगाया गया था कि विजेंद्र गुप्ता सोशल मीडिया के जरिये कैलाश गहलोत की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
कैलाश गहलोत ने विजेंद्र गुप्ता पर पांच करोड़ का हर्जाना देने की मांग की थी. याचिका में मांग की गई थी कि विजेंद्र गुप्ता अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उनके खिलाफ लगाए गए मानहानि वाले पोस्ट को तत्काल हटाएं. कोर्ट ने कहा कि विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा में बसों की खरीद के मामले में तारांकित प्रश्न किए थे लेकिन उसका कोई पर्याप्त उत्तर नहीं मिला. ऐसे में विजेंद्र गुप्ता को सवाल पूछने से रोका नहीं जा सकता है.