फ़तेहपुर : ग्राम पंचायत भवन हैंडओवर हुए बिना खंडहर में हुआ तब्दील

भास्कर ब्यूरो

बिंदकी/फ़तेहपुर । किसी भी सरकार में सरकारी भवन को बनाने में लाखों करोड़ों का बजट इसलिए बनाया जाता है ताकि बिल्डिंग की लागत के साथ अधिकारियों को कमीशन व ठेकेदारों को अच्छा मुनाफ़ा मिल सकें। लेकिन क्या आपने सुना है कि बिल्डिंग तैयार होने के बाद 10-11 वर्षो तक कार्यदायी संस्था ने संबंधित विभाग को हैंडओवर तक न किया गया हो और बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो जाए। 

एक दशक पहले बनी थी बिल्डिंग

बता दें कि मामला फ़तेहपुर जनपद के तेलियानी ब्लॉक अन्तर्गत आदमपुर ग्रामपंचायत में बने पंचायत भवन का है जहां के ग्रामीणों के मुताबिक भवन का निर्माण हुए लगभग 10 वर्ष से ऊपर हो गए है लेकिन अभी तक उसको उपयोग में नही लाया गया है और लावारिस भवन खंडहर के रूप तब्दील होता नजर आ रहा हैं। सिर्फ इतना ही नहीं भवन में वाल पेंटिंग व रंगाई-चुनाई भी हुई थी और दीवार पर लिखे स्लोगन ‛एक कदम स्वच्छता की ओर’ कही न कही स्वच्छता को चिढ़ाता व चुनौती देता नज़र आ रहा है।

विभाग को कार्यदायी संस्था ने किया नहीं सुपुर्द

मौजूदा स्थिति में भवन के दीवारों व छत में दरार पड़ गयी है भवन की बाउंड्रीवाल भी टूट कर गिर गयी है। दरवाज़े और खिड़कियां भी गायब हैं। परिसर में ग्रामीणों ने जानवरों को बांधना शुरू कर दिया है। यानि कहा जा सकता है कि परिसर व भवन अब उपयोग के लायक नहीं है।

आखिर कौन है इसका जिम्मेदार

मौजूदा ग्रामपंचायत प्रधान विद्या देवी ने बताया कि लगभग 11 वर्ष पूर्व पंचायत भवन बनकर तैयार तो हुआ था लेकिन आज तक कार्यदायी संस्था ने विभाग को हैंड ओवर नहीं किया और मौजूदा स्थिति में बिल्डिंग जर्जर हो गयी है भवन की छत से पानी टपक रहा है, सारे दरवाज़े व खिड़कियां टूटकर गायब हो चुकी है। कमरों व परिसर के अंदर जानवरों का तबेला जैसा माहौल है और चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

हिमाचल में तबाही, लापता मजदूरों की तलाश जारी न हम डरे हैं और न यहां से जाएंगे एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक क्या बेहतर – नौकरी या फिर बिजनेस पेट्स के साथ डेजी का डे आउट