राजस्थान स्वास्थ्य मंत्री ने खुद के विभाग पर उठाए सवाल, बोले- डॉक्टर, नर्स होते हुए भी अस्पताल खाली पड़े हैं

स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने अपने ही स्वास्थ्य विभाग की गड़बड़ियों को उजागर किया है। उन्होंने राजनीतिक अप्रोच से डॉक्टर्स नर्सिंगकर्मियों के शहरों में ही जमे रहने और दूर दराज के अस्पतालों में नहीं जाने की बात खुलकर मानी है। परसादीलाल मीणा ने कहा- बहुत दयनीय हालत है। डॉक्टर, नर्स होते हुए भी अस्पताल खाली पड़े हैं, अप्रोच से एक ही जगह जमे बैठे हैं। हम खाली पड़े अस्पतालों में डॉक्टर्स एनएम को भेजकर ही रहेंगे। हम तो फकीर हैं भाईं, हम मीणाओं का क्या है, किसी की परवाह नहीं है। हम चाहते हैं डॉक्टर की जहां ड्यूटी है, वहां काम करें। जहां से वेतन लेता है। वहीं से काम करे।

डेपुटेशन का खेल खत्म करके रहूंगा। मैंने पहले दिन ही आकर तय कर लिया था, मैं इस पर रहूं या न रहूं, लेकिन इस डेपुटेशन के सिस्टम को बंद करेंगे। परसादीलाल मीणा स्वास्थ्य ​की अनुदान मांगों पर देर रात विधानसभा में बहस का जवाब दे रहे थे।

5 की जगह 70 डॉक्टर लगे हुए थे, किसी अफसर ने डेपुटेशन किया तो चार्जशीट

मीणा ने कहा- मेरे पास एक दिन विराटनगर के विधायक आए और कहा कि मेरे 5 डॉक्टर विराटनगर से सीएमएचओ फस्ट ने लगा रखे हैं। हमने जानकारी ली तो पांच नहीं 70 डॉक्टर बैठे थे, हमने तुरंत उन्हें वहां से रिलीव करवाया। हमें पता ही नहीं है और अफसरों ने अपने स्तर पर डेपुटेशन कर रखे हैं। कोई सीएमएचओ, ब्लॉक सीएमएचओ, संभागीय अधिकारी बिना सरकार की जानकारी के किसी डॉक्टर, जीएनएम, एएनएम का डेपुटेशन अपनी मर्जी से करेगा तो 16 सीसी की चार्जशीट दी जाएगी।

हमारे पास डॉक्टर्स, एनएम सरप्लस बैठे और अस्पताल खाली, जल्द समानीकरण करके खाली अस्पतालों में भेजेंगे

परसदीलाल ने कहा- हमारे 2000 तो एएनएम सरप्लस हैं, 1700 सब सेंटर्स पर ताले लगे पड़े हैं, हम सबको भेजेंगे। सब सेंटर्स पर डॉक्टर्स को भेजेंगे। पद पर रहें न रहें इस बात की चिंता नहीं है मुझे। हमें जनता की चिंता है। मैंने ऐसे कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर्स सीएचसी देखी है जहां एक भी डॉक्टर नहीं है, आज 6 सीएचसी ऐसी हैं जहां एक भी डॉक्टर नहीं हैं। 200 प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स पीएचसी ऐसी हैं जहां एक भी डॉक्टर नहीं हैं। हमारे यहां सरप्लस बैठे हैं काम है नहीं और वहां अस्पताल खाली पड़े हैं, बहुत बड़ी चिंता है। एएनएम के बिना 1700 सब सेंटर खाली पड़े हैं जबकि एएनएम बहुत भर्ती कर लिए हमने। एनएचएम में 12000 एएनएम हैं इतने ही और भर्ती कर लिए, फिर भी हमारे अस्पताल सब सेंटर्स खाली रहें, पता नहीं ये कहां काम कर रहे हैं समानीकरण करके हर सेंटर पर लगाएंगे। पीएचसी पर 50 तरह की दवाएं रहेंगी। बहुत जल्द मुख्यमंत्री के पास फाइल भेजकर समानीकरण का फैसला करेंग।

बहुत दयनीय हालत, विधायकों से हाथ जोड़कर आग्रह आप दबाव मत डालना

परसादीलाल मीणा ने कहा- बहुत दयनीय हालत है। हमारे विधायक साथियों से आग्रह करते हैं, हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैंकि आप इन चीजों में दबाव मत डालना। आपके अस्पताल में 6 डॉक्टर की पोस्ट है तो सातवां मत मांगना, सातवां तो वहीं जाएगा जहां पोस्ट है। वेतन कहीं से ले रहे हैं, काम कहीं पर कर रहे हैं, यह कहां का तरीका है? बिना पोस्ट अप्रोच से लगे डॉक्टर्स का हमने वेतन भी रोक दिया है, जहां काम करेगा वहीं से वेतलन मिलेगा। मैंने पहले दिन ही आकर तय कर लिया था, मैं इस पर रहूं या न रहूं, लेकिन इस डेपुटेशन के सिस्टम को बंद करेंगे।

परसादी के बयान से पुराने स्वास्थ्य मंत्री के कामकाज पर सवालिया निशान
परसादीलाल मीणा ने डॉक्टर्स और नर्सिेगकर्मियों की पोस्टिंग और खाली पड़े अस्पतालों के हालात पर जिस बेबाकी से दयनीय हालत बताए, उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल पुराने स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के कामकाज पर भी उठा दिया। डॉक्टर्स एएनएम होते हुए भी सब सेंटर्स और अस्पताल में नहीं जाने का बयान देकर मंत्री ने इसी तरफ इशारा किया है। राजनीतिक अप्रोच से बिना पद होते हुए भी शहरों में जरूरत से ज्यादा डॉक्टर्स नर्स पुराने मंत्री के समय के है।

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