महाराष्ट्र बजट 22-23 : किसान और महिलाओं के साथ-साथ उद्योग जगत पर किया गया फोकस

महाराष्ट्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में और वित्त राज्य मंत्री शंभूराजे देसाई विधान परिषद में साल 2022-23 के लिए बजट पेश किया। कोविड-19 की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले महाराष्ट्र के इस बजट में गरीब, किसान और महिलाओं के साथ-साथ उद्योग जगत पर विशेष फोकस किया गया है। 2021-22 के बजट का आकार 4.84 लाख करोड़ रुपये था। जो 2020-21 से 11% अधिक था। इस आर्थिक वर्ष में 10,225 करोड़ के राजस्व घाटे का अनुमान है।

बता दें कि महाविकास आघाडी में शिवसेना के करीब 24 विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिकायत की थी कि उन्हें फंड देने में अजित पवार काफी रुकावटें डालते हैं। देखन यह भी है कि इस बजट में अजित पवार उन शिवसेना के विधायकों को संतुष्ट कर पाते हैं कि नहीं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद तीसरी बार बजट पेश कर रहे हैं।

आर्थिक सर्वे में विकास दर 12.1 फीसदी रहने का अनुमान
31 मार्च को समाप्त हो रहे आर्थिक वर्ष 2021-22 में महाराष्ट्र की विकास दर 12.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि इसी दौरान देश की विकास दर 8.9 फीसदी रहने का अंदाज है। गुरुवार को विधानसभा और विधान परिषद में महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई। इसके मुताबिक, कृषि और संलग्न कार्य क्षेत्र में 4.4 फीसदी, उद्योग में 11.9 फीसदी और सेवा क्षेत्र में 13.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।

इसके अलावा पशु संवर्धन में 6.9 फीसदी, वनीकरण में 7.2 फीसदी और मत्स्य व्यवसाय में 1.6 फीसदी की वृद्धि होने का अंदाज व्यक्त किया गया है। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान करीब 14.2 फीसदी रहेगा। इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

प्रति व्यक्ति आय में कमी
प्रति व्यक्ति आय के मामले में हरियाणा, कनार्टक, तेलंगाना और तमिलनाडु के बाद महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर है। साल 2020-21 के दौरान महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय 1.93 लाख रुपए रहने का अनुमान है। जबकि 2019-20 के लिए 1,96,100 रुपए थी। पिछले दो साल में कोरोना महामारी की वजह से राज्य की आर्थिक गतिविधियों पर काफी असर पड़ा है। इसका असर प्रति व्यक्ति आय पर भी पड़ा है।

कम राजस्व मिलने का अनुमान
साल 2021-22 के बजटीय अनुमान के अनुसार इस साल 3,68,987 करोड़ रुपए राजस्व मिलने का अंदाज था, जो सुधारित अंदाज के अनुसार 79,489 करोड़ रुपए कम यानी 2,89,498 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। आर्थिक सर्वे के मुताबिक़, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9.5% (माइनस 11.8% के मुकाबले) और कंस्ट्रक्शन सेक्टर 17.4% (माइनस 14.6%) की दर से बढ़ेगा। 2021-22 के अनुसार जीएसडीपी में राजकोषीय घाटे का प्रतिशत 2.1 प्रतिशत है और जीएसडीपी को ऋण स्टॉक 19.2 प्रतिशत है। ग्रोस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट ( जीएसडीपी) 31,97,782 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। जीएसडीपी में राजकोषीय घाटा 2.1 प्रतिशत है और जीएसडीपी का ऋण स्टॉक 19.2 प्रतिशत है।

खरीफ सीजन के दौरान 155115 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई पूरी की गई
रबी सीजन 2021-22 के दौरान जनवरी के अंत तक 52147 लाख हेक्टेयर भूमि पर बुवाई पूरी कर ली गई थी। दालों के उत्पादन में 14 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि अनाज और तिलहन के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 21 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की कमी होने की उम्मीद है। अनाज, दलहन, तिलहन, कपास और गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: 11 प्रतिशत, 27 प्रतिशत, 13 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 0.4 प्रतिशत घटने की उम्मीद है

अक्टूबर 2021 के अंत तक राज्य में 10,785 स्टार्ट-अप थे। राज्य में 15 जनवरी, 2022 तक कुल 71.70 लाख कोविड -19 मामले दर्ज किए गए। कम से कम 67.60 लाख लोग संक्रमण से उबर चुके हैं और ठीक होने की दर 94.3 प्रतिशत रही

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें