नई दिल्ली: दिल्ली में अगले महीने प्रस्तावित नगर निगम चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले बुधवार को जिस तरह अचानक राज्य निर्वाचन आयोग ने फिलहाल चुनाव के तारीख टालने की बात कही, इससे आम आदमी पार्टी खासा नाराज है. उस दिन पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया था. तो दो दिन बाद शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उनके दबाव में चुनाव आयोग झुक है और निगम चुनाव की तारीख को टाला है यह किसी भी सूरत में देश हित में नहीं है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर तीनों निगमों को एक करना था, तो आठ सालों में क्यों नहीं किया? इलेक्शन की तारीख की घोषणा के एक घंटे पहले ऐसा क्यों किया? क्या एमसीडी चुनाव को टालना मकसद है? बीजेपी को भय है? कि चुनाव हार जाएगी. लोग कह रहे हैं कि चुनावों का तीनों निगम एक साथ करने से क्या लेना-देना है? 272 वार्ड है, तीनों अलग-अलग निगम में बैठते हैं. चुनाव होने दीजिए. यदि एक होते हैं, तो एक साथ बैठेंगे. इसमें चुनाव टालने की जरूरत क्या है.
केजरीवाल बोले चुनाव टालना ठीक नहीं है. यह देश के लिए ठीक नहीं है. केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा यह ठीक नहीं है. चुनाव आयोग झुक गया. ये भी ठीक नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि सरकारें आती जाती रहेंगे. कल आप भी नहीं होंगे, हम भी नहीं होंगे. देश महत्वपूर्ण है. चुनाव आयोग पर दबाव डालकर चुनाव कैंसल कराते हैं, तो चुनाव आयोग कमजोर होता है. चुनाव कैंसल होना जनतंत्र के लिए बड़ा खतरा है.
केजरीवाल बोले कल को लोकसभा का चुनाव है. उससे पहले कहा जाएगा कि संसदीय व्यवस्था ठीक नहीं है. प्रेजिडेंट सिस्टम लेकर आएंगे, तो क्या यह सही है? कल केजरीवाल और मोदी जी भी नहीं रहेंगे, यह देश रहेगा. देश को कमजोर नहीं करेंगे. राज्य चुनाव आयोग के कमिश्नर को क्या धमकी दी गई? ईडी, इनकम टैक्स? वो अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं. आखिर क्या दबाव दिया है? क्या धमकी या लालच दिया जा रहा है? केजरीवाल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से केजरीवाल ने गुजारिश करते हुए कहा कि चुनाव टालने के दबाव का कारण बाहर आकर बता दीजिए, झुकिये मत. देश की बात है. सारा देश आपके साथ खड़ा है.
बता दें कि दिल्ली के नगर निगम का कार्यकाल मई में संपन्न हो रहा है. 18 मई से पहले हर हाल में चुनाव होना है. इस कारण गत वर्षों की तरह अप्रैल महीने में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जानी थी, लेकिन अभी तक चुनाव के संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं होने से उहापोह की स्थिति बनी हुई है.